लालू की तरह इलेक्शन मैनेजमेंट नहीं संभाल सके तेजस्वी, समीक्षा और मंथन से क्या निकलने वाला है?
सिटी पोस्ट लाइवः क्या नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव पिता लालू प्रसाद यादव की तरह इलेक्शन मैनेजमेंट नहीं संभाल सके? यह सवाल इसलिए है क्योंकि लोकसभा चुनाव के दौरान बिहार में महागठबंधन की बुरी हार हुई है। राजद अपना खाता तक नहीं खोल सकी। ऐसे में हार का ठीकरा उनके सर फोड़ा जा रहा है। ऐसे कई बयान सामने आये हैं। तेजस्वी यादव अब हार पर समीक्षा और मंथन करने वाले हैं। सवाल यह भी है कि इस मंथन से क्या निकलकर आएगा? जस्वी यादव 28 मई को पटना में स्थित राबड़ी आवास पर आरजेडी को मिली हार की समीक्षा करेंगे. वह भी पार्टी के सभी उम्मीदवारों और सभी वरिष्ठ नेताओं के साथ, ऐसे में सवाल उठने लगे हैं कि रघुवंश सिंह, जगदानंद सिंह, रामचन्द्र पूर्वे, अब्दुल बारी सिद्दीकी, शिवानंद तिवारी जैसे नेताओं को तेजस्वी यादव ने पूरे चुनाव में पूछा तक नहीं, अब इन्हीं वरिष्ठ नेताओं के साथ बैठकर हार की समीक्षा करेंगे?
आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव के जेल जाने के बाद आरजेडी की पूरी कमान तेजस्वी यादव के हाथ में आ गई, और उन्होंने पूरी पार्टी को वैसे चलाया जैसा उन्होंने चलाना चाहा. जब लालू प्रसाद यादव ने पार्टी की पूरी कमान तेजस्वी यादव के हाथ में सौंपी, तब बगैर कोई सवाल किये रघुवंश सिंह, जगदानंद सिंह, रामचन्द्र पूर्वे, अब्दुल बारी सिद्दीकी, शिवानंद तिवारी, मंगनी लाल मंडल, कांति सिंह, एमएए फातमी जैसे वरिष्ठ नेताओं ने तेजस्वी यादव को अपना नेता मान लिया. यह समझते हुए भी कि जितनी तेजस्वी की उम्र है उससे अधिक इन नेताओं का राजनीतिक अनुभव है. लेकिन बिहार में जैसी ही लोकसभा चुनाव अभियान की शुरुआत हुई कि तेजस्वी ने इन सभी वरिष्ठ नेताओं को पार्टी के किसी मसले पर पूछा तक नहीं. क्योंकि अगर ऐसा होता तो पार्टी की मीटिंग में ये सभी नेता हमेशा मौजूद रहते.
महागठबंधन बनाते समय, महागठबंधन में कांग्रेस के अलावा अन्य पार्टियों को शामिल करने में, महागठबंधन में सामंजस्य बनाने में, एक समय बिखरने की कगार पर पहुंचे महागठबंधन को एक सूत्र में बांधने में, सहयोगी दलों के साथ सीट के बंटवारे में, पार्टी में उम्मीदवारों के चयन में, चुनाव प्रचार में जैसे किसी मसले पर किसी वरिष्ठ नेताओं की कोई भूमिका नहीं दिखी. अलबत्ता स्टार प्रचारकों की लिस्ट में इन सभी नेताओं का नाम जरुर था, लेकिन इनमें कोई भी नेता चुनाव प्रचार में कहीं नहीं गए. पूरे चुनाव प्रचार में आरजेडी के एक ही स्टार प्रचारक थे, तेजस्वी यादव. हालांकि आरजेडी ने रघुवंश सिंह को वैशाली से, जगदानंद सिंह को बक्सर से, अब्दुल बारी सिद्दीकी को दरभंगा से उम्मीदवार बनाकर थोडा बहुत इन लोगों का मान रख लिया. लेकिन मंगनीलाल मंडल और एमएए फातमी को उम्मीदवार तक नहीं बनाया.