सिटी पोस्ट लाइव : तेजप्रताप की शादी में महज अब एक दिन बचे हैं. शादी की तैयारियां लगभग पूरी हो चुकी है और अब तो शादी में चार चाँद लगाने पिता लालू यादव भी पहुँच चुके हैं. शहनाई वादक अयूब खान सुल्तानगंज से पटना भी बुला लिए गए हैं जिन्हें लालू यादव ने खुद शादी में गाने-बजाने का न्योता दिया था. अब सबकुछ ठीक-ठाक दिखाई दे रहा है. लेकिन फिर भी राबड़ी देवी ने सुरक्षा के लिए घर में फूलों की सजावट के साथ निम्बू मिर्च लगाव दी हैं. ताकि उनके बड़े बेटे की इस भव्य शादी में किसी की बुरी नजर का साया न पड़े. हालांकि ऐसा पहली बार किसी शादी में देखने को मिला है कि फूलों के साथ साथ निम्बू मिर्च भी लटकी हो. ताकि किसी की नजर न लगे.वैसे ये सही भी है क्योंकि आज कल लालू परिवार के नक्षत्र सही नहीं चल रहे हैं. कोई न कोई मुसीबत उनके आस-पास गठरी लिए घूमती ही रहती है. ऐसे में ये टोटका कही कारगर साबित हो. लेकिन देखा जाए तो एक तरह से ये टोटका भी लालू परिवार की मुसीबतों को रोकने में कामयाब नहीं हो रही, क्योंकि तेजप्रताप पर अब धोखाधड़ी और संगठन हड़पने का आरोप लग गया है. मामला 2017 का है जब आरएसएस के संगठन ‘हिंदू वाहिनी सेना’ के मुकाबले के लिए धर्मनिरपेक्ष सेवक संघ ‘डीएसएस’ गठित करने की घोषणा तेजप्रताप, तेजस्वी और उनके सहयोगी ओमप्रकाश यादव ने की थी. जिसपर आरोप लगा है कि यह संगठन किसी और का है जिसे उन्होंने धोखाधड़ी कर हड़पने की कोशिश की है.
दरअसल कभी लालू प्रसाद के समर्थक रहे रामजी योगेश ने बताया कि करीब डेढ़ साल पहले उन्होंने ‘डीएसएस’ नाम से एक सामाजिक संगठन बनाया था . लालू प्रसाद यादव, राबड़ी देवी, तेजप्रताप यादव तथा तेजस्वी यादव को संस्था का मुख्य संरक्षक बनाया. लेकिन, तेजप्रताप यादव ने इस नाम से संगठन बनाने की घोषणा कर संगठन को बगैर उनकी सहमति के हड़प लिया. रामजी योगेश के अनुसार करीब छह महीने पहले तेजप्रताप यादव ने ‘डीएसएस’ को अपने नाम निबंधित करने के लिए निबंधन विभाग में आवेदन दिया, जबकि वे साल भर पहले ही अपने नाम से इसके निबंधन का आवेदन दे चुके थे. इसे ही रामजी योगेश धोखाधड़ी का मामला मानते हैं.