जेडीयू महासचिव केसी त्यागी कर दी है कन्हैया की तारीफ, एनडीए बढ़ी गर्माहट
सिटी पोस्ट लाइवः बीजेपी के फायर ब्रांड नेता गिरिराज सिंह ने यह बयान दिया था जिन्हें कब्र के लिए तीन हाथ जमीन चाहिए उन्हें वंदे मातरम बोलना पड़ेगा। इस बयान पर खूब विवाद हुआ और बीजेपी के सहयोगी एनडीए भी गिरिराज के इस बयान पर अपना तेवर तीखा कर लिया। जेडीयू महासचिव केसी त्यागी ने बयान पर प्रतिक्रिया दी तो यह कहा कि गिरिराज सिंह की उम्मीदवारी रद्द होनी चाहिए।
त्यागी के इस बयान ने एनडीए के अंदर गर्माहट पैदा कर दी। एक बार फिर केसी त्यागी ने एक दूसरा बयान देकर एनडीए के अंदर गर्माहट बढ़ा दी है। उन्होंने कन्हैया की तारीफ की है। उन्होेंने कहा है कि कन्हैया ने जो कुछ भी हासिल किया है वो अपने दम पर किया है। केसी त्यागी ने कहा कि कन्हैया की ख्याति तेजस्वी यादव से ज्यादा है और अगर बेगूसराय से कन्हैया महागठबंधन के उम्मीदवार होते तो मुकाबला कांटे का होता। त्यागी ने कन्हैया को उम्मीदवार नहीं बनाने को आरजेडी चीफ लालू प्रसाद यादव की महत्वाकांक्षा से जोड़ दिया. उन्होंने कहा कि ऐसा इसलिए नहीं हो सका क्योंकि लालू प्रसाद अपने पुत्र तेजस्वी यादव को स्थापित करने के लिए कोई जोखिम नहीं लेना चाहते थे.
केसी त्यागी ने स्पष्ट कहा कि कन्हैया की कृति और ख्याति तेजस्वी यादव से ज्यादा है. कन्हैया ने जो भी हासिल किया है, वह अपने बलबूते पर किया है. जेडीयू नेता ने बताया कि कन्हैया कुमार अपनी कर्मठता से जेएनयू छात्र संघ के अध्यक्ष बने, जबकि तेजस्वी यादव अपने पिता के बदौलत नेता प्रतिपक्ष बने.सीपीआई को महागठबंधन में शामिल नहीं करने और कन्हैया को विपक्ष का संयुक्त उम्मीदवार न बनाने को लेकर जेडीयू नेता ने दावा किया कि तेजस्वी को ‘डर’ था कि भविष्य में कन्हैया उनको पछाड़ न दे. इस ‘डर’ से गठबन्धन नहीं हो सका
.उन्होंने कहा कि ऐसे तो 25-30 साल से सीपीआई और राजद में गठबंधन रहा था, लेकिन अब ऐसा हुआ तो इसके पीछे यही कारण है. तेजस्वी यादव अपरिपक्व राजनितिज्ञ हैं और वह अपने पिता लालू प्रसाद की कृति और ख्याति के बलबूते राजनीति कर रहे हैं, जबकि कन्हैया ने अपने करिश्मे से चुनाव को रोचक बना दिया है.