सुपौल, मधेपुरा और मधुबनी में अपनों से है महागठबंधन की लड़ाई, मधुबनी से राजद-कांग्रेस के बागी मैदान में
सिटी पोस्ट लाइवः बिहार में सुपौल, मधेपुरा और मधुबनी की लोकसभा सीट ऐसी है जहां महागठबंधन की लड़ाई अपनों से है। यानि जो कभी महागठबंधन में शामिल दलों के कद्दावर नेता हुआ करते थे वही इन सीटों से महागठबंधन से बगावत कर मैदान में उतरे हैं। मधुबनी से तो राजद और कांग्रेस दोनों के बागी मैदान में है। मधुबनी से राजद से बगावत कर अली अशरफ फातमी ने ताल ठोंक दिया है जबकि कांग्रेस के बागी शकील अहमद भी मधुबनी से निर्दलीय चुनाव लड़ रहे हैं। एक ओर जहां सुपौल में कांग्रेस प्रत्याशी रंजीत रंजन के विरोध में आरजेडी के कार्यकर्ता उतर आए हैं, वहीं मधुबनी में कांग्रेस के डॉ शकील अहमद ने वीआईपी कैंडिडेट के विरोध में खुद खड़े हो गए हैं.वहीं मधेपुरा सीट पर महागठबंधन के उम्मीदवार शरद यादव के खिलाफ पप्पू यादव निर्दलीय मैदान में उतर गए हैं जबकि उनकी पत्नी रंजीत रंजन सुपौल से कांग्रेस प्रत्याशी हैं.
सुपौल से कांग्रेस प्रत्याशी रंजीत रंजन के विरोध में आरजेडी कार्यकर्ता गोलबंद हैं. पहले तो आरजेडी के कार्यकर्ता दिनेश यादव ने नामांकन दाखिल किया, इसके बाद आरजेडी की जिला ईकाई ने उसे समर्थन दे दिया. इतना ही नहीं आरजेडी के विधायक और पार्टी के जिलाध्यक्ष यदुवंश यादव ने तो यह भी कह दिया है कि रंजीत रंजन को हराने के लिए वह डोर-टू-डोर कैम्पेन चलाएंगे
. जाहिर है सुपौल में आरजेडी और कांग्रेस आमने-सामने है.बिहार के मधुबनी से टिकट नहीं मिलने से नाराज कांग्रेस नेता शकील अहमद ने सोमवार को पार्टी के वरिष्ठ प्रवक्ता पद से इस्तीफा दे दिया. दरअसल, गठबंधन के तहत मधुबनी की सीट श्विकासशील इंसान पार्टी श् (वीआईपी) के खाते में चली गयी है. अहमद पहले भी मधुबनी से सांसद रहे हैं, इसलिए वह इस सीट से टिकट मांग रहे थे. अब तो उन्होंने नामांकन भी दाखिल कर लिया है.