तिहाड़ से पेरोल पर निकला हवाला कारोबारी अब तक नहीं लौटा: पप्पू यादव.
सिटीपोस्टलाइव: सांसद पप्पू यादव ने बुधवार को पटना के बापू सभागार में अपनी किताब ‘जेल’ का लोकार्पण के बहाने कई ऐसे खुलासे किये हैं जिसको लेकर अच्छा ख़ासा विवाद पैदा हो सकता है.इस बुक में सांसद ने बेऊर से लेकर तिहाड़ जेल तक के अपने अनुभव को साझा करते हुए तिहाड़ जेल से जुड़ी कई ऐसी बातें बताईं हैं, जिनको लेकर विवाद हो सकता है.
पप्पू यादव ने खुलासा किया है कि तिहाड़ जिले में वो चार साल रहे साल रहे और वहां जाति के अनुसार कैदियों के गुट देखे. जेल में बंद आतंकवादी एक होकर रहते थे ताकि उसपर कोई हमला न कर दे. तिहाड़ में सुरक्षा के कई परत हैं फिर भी वहां कैदियों को मोबाइल से लेकर सैटेलाइट फोन तक उपलब्ध हो जाते हैं.
सांसद पप्पू यादव ने खुलासा किया कि पेरोल पर कई आतंकी जेल से बाहर गए, लेकिन वापस नहीं लौटे. नासीर नाम का एक कैदी तिहाड़ में बंद था. उसे हवाला के मामले में जेल हुई थी. वह पेरोल पर बाहर गया था, लेकिन वापस नहीं आया. उसे पेरोल पर भेजने में जेल के ऑफिसर का रोल था. नासीर को एक बार पेरोल मिली, लौट कर आए फिर दुबारा पेरोल मिली और वह आज तक लौट कर नहीं आया.जेल के अधिकारियों को वह करोड़ों रुपए देता था. तिहाड़ में सेल बिकता था और कौन किस सेल में कौन रहेगा, यह पैसे से तय होता था.
पप्पू यादव ने बताया कि उन्हें तिहाड़ जेल में यातनाएं झेलनी पड़ीं. कई बार लाठी कहानी पड़ी. तिहाड़ में कैदियों को नंगा कर पीटा जाता था. जब जेल में पप्पू यादव थे तब कोई कैंटिन नहीं था और खाने के लिए वसूली होती थी. जेल में दादा फ्री बर्ड थे और हर जाति का अलग सेल और वार्ड था. जो भी पैसा वाला जेल जाता उसे कोई न कोई दादा अपने कब्जे में ले लेता था .
पप्पू यादव ने कहा कि पटना के बेऊर जेल से अपराधी बाहर नहीं जा सकते. जेल में बंद एमएलए, एसपी और मंत्री अगर कोर्ट जाता है और अगर उसे स्पेशल गार्ड मिला है तो वह लौटते समय अपने घर जा सकता है. लालू यादव जेल से सरकार चलाते थे और उनसे मिलने मुख्यमंत्री राबड़ी देवी भी जेल जाती थीं.
पप्पू यादव ने सवाल खड़ा किया कि बिहार के कई नामी क्रिमिनलों के घर में पहले क्या था ? कैसे 200-400 करोड़ रुपए के मालिक हो गए ? कैसे इतने बड़े-बड़े मॉल के मालिक बन गए ? कभी जिनके पास बीड़ी पीने के पैसे नहीं होते थे आज अरबपति बन गए हैं.पप्पू यादव ने आरोप लगाया कि मेरे सामने आधा-आधा बीड़ी पीनेवाले सूरजभान और दुसरे अपराधियों के पास कहां से इतने पैसे आ गए ?पप्पू यादव ने कहा कि लोगों ने किडनैपिंग और एक्सटॉर्शन से पैसे बनाए हैं. रेल हो या रोड ठेका जेल से तय होता था.