अपनी 52वीं ट्रांसफर पर खेमका का दर्द-‘किसके हितों की रक्षा करूं, कई बार सहा है एक बार और सही’
सिटी पोस्ट लाइवः अपनी फरियाद लेकर आमलोग जिससे मिलने के लिए रोजाना संघर्ष करते हैं कभी-कभी उन अधिकारियों का संघर्ष कितना लंबा हो जाता है यह जानना है तो हरियाणा के आईएएस अधिकारी अशोक खेमका के संघर्ष को समझना होगा। 28 साल की नौकरी में 52वीं बार अशोक खेमका का ट्रांसफर हुआ है। सिर्फ हरियाणा की खट्टर सरकार ने हीं अपने 4 वर्षों के कार्यकाल में 6 बार उनका ट्रांसफर किया है। इस पर अब अशोक खेमका ने अपना दर्द भी बयां किया है। ट्विटर पर उन्होंने लिखा कि-‘किसके हितों की रक्षा करूं? तुम्हारा या उनका जिनका आप प्रतिनिधित्व का दावा करते हैं? दम्भ है हमें पैरों तले रौंदोगे। शौक से, कई बार सहा है, एक बार और सही’। आपको बता दें कि एक ईमानदार आईएएस अधिकारी के तौर पर अपनी पहचान रखने वाले अशोक खेमका का ट्रांसफर 28 साल की नौकरी में 52वीं बार हुआ है। हरियाणा की मनोहर लाल खट्टर सरकार ने उनका तबादला विज्ञान एंव प्रौद्यिगिकी विभाग के प्रधान सचिव के तौर पर किया है।
किसके हितों की रक्षा करूँ? तुम्हारा या उनका जिनका आप प्रतिनिधित्व का दावा करते हैं?
दम्भ है हमें पैरों तले रौंदोगे। शौक से, कई बार सहा है, एक बार और सही।
— Ashok Khemka (@AshokKhemka_IAS) March 5, 2019
इससे पहले खेमका खेल एवं युवा कार्यक्रम विभाग में प्रधान सचिव का पद संभाल रहे थे।कमाल की बात यह कि 2014 में खट्टर सरकार बनने के बाद उनका छठा ट्रांसफर है। मीडिया रिपोर्ट्स के हवाले से खबर है कि खेमका को एक अखबार में दिया बयान भारी पड़ गया है जिसके बाद उनका तबादला किया गया है। दरअसल उन्होंने अरावली भूमि की चकबंदी करने पर सवाल उठाया था और कहा था कि इससे भू-माफियाओं के हौसले बढ़ेंगे। खेमका ने अरावली में चकबंदी शुरू करने के हरियाणा की भाजपा सरकार के फैसले पर आपत्ति जतायी थी।