मोदी ने पेश किया जनता को ‘सुशासन’ का अहसास कराने वाला बजट
सिटी पोस्ट लाइव : आज बिहार विधान सभा में विपक्ष के हंगामे के बीच बिहार के डिप्टी सीएम एवं वित्त मंत्री सुशील कुमार मोदी ने बिहार का बजट पेश कर दिया. 2019-20 के बजट का आकार 2004-05 के बजट से यह 8 गुना ज्यादा है. सुशील मोदी ने कहा कि यह बजट 2 लाख करोड़ रुपये का है.इस बजट के जरिये नीतीश सरकार ने हर विभाग और हर वर्ग के बीच एक संतुलन बनाने रखने की कोशिश की है. लेकिन 34798 करोड़ रुपये की योजना राशि के प्रावधान के साथ उनका मुख्य फोकस राज्य की शिक्षा व्यवस्था पर है.
दरअसल शिक्षा एक ऐसा क्षेत्र है जिसने बिहार में नीतीश सरकार की छवि विकास पुरुष के तौर पर स्थापित करने में बड़ी भूमिका निभाई है.स्कूलों में पोशाक योजना हो या फिर साइकिल योजना, इसने नीतीश कुमार की पैठ बिहार के घर-घर में कर दी. विशेष कर गरीब तबके के लोग जब अपने बच्चों को स्कूल यूनिफॉर्म में साइकिल पर स्कूल जाते हुए देखता है तो वे इससे खुद को जुड़ा हुआ महसूस करते हैं और उनमें सरकार के होने का अहसास पैदा करता है.नीतीश कुमार को सत्ता में बनाए रखने में भी शिक्षा के क्षेत्र में हुए कामकाज की अहम् भूमिका रही है. यही कारण है कि नीतीश सरकार ने शिक्षा पर सबसे अधिक जोर दिया है. इतना ही नहीं 11 नए मेडिकल खोले जाने से लेकर ग्रेजुएट छात्राओं को 25 हजार रुपये दिए जाने का प्रावधान किया जाना भी अपने आप में बड़ी पहल मानी जा रही है.
कृषि क्षेत्र के लिए इस बजट में 2958 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है. वर्ष 2018-19 में सिंचाई के लिए 350 रू० प्रति एकड़ प्रति सिंचाई डीजल अनुदान को बढ़ाकर 500 रुपये प्रति एकड़ कर दिया गया है. वर्ष 2019-20 में जैविक खेती के प्रोत्साहन के लिए 6,000 के अनुदान को बढ़ा कर 8,000 प्रति किसान किये जाने का ऐलान किया गया है. यह क्षेत्र भी बिहार की लगभग 70 प्रतिशत आबादी से जुड़ता है. पंचायती राज विभाग का बजट 12206.31 करोड़ और नगर विकास एवं आवास का बजट 5158.79 करोड़ किया गया है. स्थापना और प्रतिबद्ध व्यय राशि 98962 करोड़ और ग्रामीण विकास का कुल बजट 15669.04 करोड़ रूपये रखा गया है. ग्रामीण कार्य को योजना मद में 9896.97 करोड़, PHED विभाग को योजना मद में 3225.34 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है.
बिहार गृह विभाग का कुल बजट 10968.58 करोड़, जल संसाधन विभाग का कुल बजट 9652.30 करोड़, कृषि विभाग को योजना मद में 2259.8 करोड़, वेतन, पेंशन, ब्याज पर 88157.65 करोड़ खर्च, ग्राम सड़क योजना के तहत 2815 करोड़ खर्च, ऊर्जा विभाग को योजना मद में 4583.13 करोड़, शिक्षा विभाग को योजना मद में 20309.03 करोड़, स्वास्थ्य विभाग को योजना मद में 5138.50 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है.इस बजट के जरिये पिछड़े वर्ग, अनुसूचित जाति और अल्पसंख्यक वर्ग पर भी विशेष ध्यान दिया गया है. इसके पीछे भी यही कारण है कि हर वर्ग-समुदाय को सरकार से जुड़े होने का अनुभव हो.
जाहिर है यह चुनावी बजट है जिसमे हर वर्ग और तबके के बीच संतुलन स्थापित करने की कोशिश की गई है. यानि विरोधियों के हमलों के बीच इस चुनावी साल में नीतीश सरकार ने जनता को फिर एक बार उसी सुशासन का अहसास कराने की कोशिश की है जिसकी उम्मीद में बिहार की जनता ने उन्हें पिछले 14 वर्षों से प्रदेश की सत्ता सौंप रखी है.
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