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डेयरी के क्षेत्र में ज्यादा से ज्यादा एक्टिविटी हो, इसके लिए ईस्टर्न जोन का हेडक्वार्टर बने बिहार

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डेयरी के क्षेत्र में ज्यादा से ज्यादा एक्टिविटी हो, इसके लिए ईस्टर्न जोन का हेडक्वार्टर बने बिहार

सिटी पोस्ट लाइव : मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने आज सम्राट अशोक कन्वेंशन केंद्र स्थित बापू सभागार में 47वें डेयरी इंडस्ट्री कॉन्फ्रेंस 2019 का दीप प्रज्ज्वलित कर उद्घाटन किया। इस अवसर पर आयाेजित कार्यक्रम को संबाेधित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि इंडियन डेयरी एसोसिएशन को इस सम्मेलन का यहां आयोजन करने के लिए धन्यवाद देता हूं।  मुख्यमंत्री ने कहा कि बिहार की 89 प्रतिशत आबादी गांवों में निवास करती है, जिसमें से 76 प्रतिशत लोग आजीविका के लिए आज भी कृषि पर निर्भर हैं। कृषि के साथ-साथ डेयरी, फिशरीज को अपनी आजीविका का साधन बना रहे हैं। वर्ष 2008 में पहला कृषि रोड मैप बनाया गया, वर्ष 2012-17 में दूसरा कृषि रोड मैप आैर वर्ष 2017 में राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद जी द्वारा तीसरे कृषि रोड मैप की शुरुआत की गई।

कृषि रोड मैप में कृषि के साथ-साथ बिजली, सड़क एवं अन्य चीजों के विकास के लिए योजनाएं बनायी गई हैं और उस पर काम किया जा रहा है। बिहार में बेहतर यातायात के लिए अच्छी सड़कें और पुल पुलियों का निर्माण किया गया है। गांवों को पक्की सड़काें से जोड़ा गया है। गांवाें के अंदर  पक्की गली-नाली का निमा र्ण किया जा रहा है, हर घर तक नल का जल उपलब्ध कराने के
लिए काम किया जा रहा है। हर घर तक बिजली पहुंच गई है। इन सब चीजों से गांवों में रहने वाले लोगों को अपने कारोबार में सहुलियत हो रही है। हमलोगों का उद्देश्य है कि किसान खेती के साथ-साथ पशुपालन, मत्स्य पालन भी बेहतर ढंग से करें ताकि उनकी आमदनी बढ़े।

मुख्यमंत्री ने कहा कि पर्यावरण संकट के कारण जलवायु परिवर्तन हो रहा है। जहां पहले बिहार में 12 सौ से 15 सौ मीमी बारिश होती थी, पिछले 13 वर्षों से यहां औसत वर्षा 800 मिमी से थोड़ी अधिक हो रही है। हालांकि पर्यावरण को नष्ट करने में बिहार के लोगों की भूमिका नहीं हैं लेकिन दुनिया में पर्यावरण से छेड़छाड़ का दुष्प्रभाव हमें भी भुगतना पड़ रहा है। उन्होंने कहा कि पर्यावरण को ध्यान में रखते हुए क्रॉप साइकिल (फसल चक्र) के लिए यहां अनुसंधान हो रहा है। उन्होंने कहा कि पटना में जब डेयरी प्रोजेक्ट बना तो उस समय श्वेत क्रांति के जनक डॉ कुरियन साहब से भी सहयोग लिया गया। वर्ष 2005 में जहां कॉम्फेड के द्वारा 4 लाख लीटर दूध प्रतिदिन सप्लाई किया जाता था।

दिसंबर 2018 तक यह बढ़कर 20.46 लाख लीटर प्रतिदिन हो गया है। उन्हाेंने कहा कि मिल्क पाउडर के निर्माण के लिए बिहारशरीफ में ही एक केंद्र को स्थापित किया गया है। यहां 22 हजार 700 दुग्ध  सहकारी सोसाइटी हैं, जिससे 12 लाख लोग जुड़े हुए हैं, उसमें ढाई लाख महिलाएं हैं। हमलोगों का लक्ष्य है कि अधिक से अधिक इस कार्य से महिलाएं जुड़ें। इंडियन डेयरी एसोसिएशन, नेशनल डेयरी डेवलपमेंट बोर्ड, नेशनल डेयरी डेवलपमेंट रिसर्च इंस्टीच्यूट करनाल, इन सभी संस्थाओं से मेंरा निवेदन है कि लोगाें की आमदनी कैसे बढ़े इस पर काम किया जाए। इस कॉन्फ्रेंस का लक्ष्य भी यही है। उन्होंने कहा कि पर्यावरण के दृष्टिकाेण से ऑगेर्निक खेती बेहतर है। ऑगेर्निक खेती के लिए बॉयाे फर्टिलाइजर एवं बॉयो पेस्टिसाइड्स के लिए गाय के गोबर आैर गोमूत्र की काफी उपयोगिता है।

किसानों को अगर प्रेरित किया जाए तो दूध से जितनी आमदनी होती है, उससे दाेगुनी आमदनी गाय के गौमूत्र और गाय के गोबर के उपयोग से हाेगी। बिहार में पशु विज्ञान विश्वविद्यालय की स्थापना की गई है और यहां पर पशु विज्ञान केंद्र बनाने के लिए काम किया जा रहा है। इसके द्वारा पशुपालन से जुड़ी जानकारी लोगों काे मिलेगी, जिससे पशु संरक्षण और उसकी उपयाेगिता बढ़ाने के लिए किसान प्रेरित होंगे। उन्हाेंने कहा कि बिहार में ऑगेर्निक फॉर्मिंग के द्वारा आलू और फूलगोभी का साइज और उसकी क्वालिटी दोनों की प्रशंसा पहले की जा चुकी है।

अमेंरिका के नॉबेल पुरस्कार विजेता जोसेफ इंस्टुंग्लेट ने बिहारशरीफ के एक किसान के द्वारा की जा रही जैविक खेती को देखा था आैर वहां के उत्पाद को देखकर काफी प्रभावित हुए, तब उन्होंने कहा था कि बिहार के किसान कृषि वैज्ञानिकों से ज्यादा समझदार हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि इंडियन डेयरी एसोसिएशन ने ईस्टर्न जोन में दुग्ध उत्पादन में बिहार को सबसे अव्वल बताया है। हमारा उद्देश्य है जल्द से जल्द देश के प्रथम तीन स्थानों में दुग्ध उत्पादन में बिहार का नाम शामिल हो। उन्होंने इंडियन डेयरी एसोसिएशन से निवेदन किया कि ईस्टर्न जाेन का हेडक्वार्टर बिहार को बनाया जाए, जिससे ज्यादा से ज्यादा एक्टिविटी डेयरी के क्षेत्र में यहां हो सके। इससे बिहार के लोगों में आत्मविश्वास बढ़ेगा। कुरियन साहब के योगदान से जो यहां डेयरी के क्षेत्र में काम शुरु हुआ, वह इंडियन डेयरी एसोसिएशन के सहयाेग से और आगे बढ़ेगा।

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