नेपाल बॉर्डर के 1517 गांव बनेंगे मॉडल विलेज, मिलेंगी ये तमाम सुविधाएं
सिटी पोस्ट लाइव : बिहार- नेपाल बॉर्डर के सात जिलों के 33 प्रखंडों के 1517 गांवों को बिहार सरकार ने मॉडल गांव बनाने का निर्णय लिया है. इन गांवों को मॉडल गांव बनाने के लिए केंद्र सरकार जहां 60 प्रतिशत और राज्य सरकार 40 प्रतिशत राशि खर्च करेगी.गृह विभाग के बॉर्डर मैनेजमेंट विभाग द्वारा बिहार सरकार को जारी पत्र में कहा गया है कि इन सात जिलों के बॉर्डर के 7251.78 किलोमीटर में फैले इन गांवों में विकास के कार्य से लोगों का पलायन रुकेगा. इसके लिए राज्य सरकार को केंद्र ने प्लान बनाने का भी निर्देश दिया है.
पूर्वी चंपारण, पश्चिमी चंपारण, सीतामढ़ी, मधुबनी, सुपौल, अररिया, किशनगंज 1517 गांव बनेंगे मॉडल विलेज. गौरतलब है कि ईन गावों की कुल आबादी – 53, 92, 959 है.अंतरराष्ट्रीय बॉर्डर के क्षेत्र -7251.78 किमी है.बॉर्डर एरिया के मॉडल गांवों में बेहतर रोड कनेक्टिविटी,बेहतर खाद्य सुरक्षा,बिजली की सुविधा,बेहतर नागरिक सुविधा,रोजगार,ऑर्गेनिक खेती को बढ़ावा दिया जाएगा. ईन गावों में पर्यटन और खेल कूद को बढ़ावा दिया जाएगा.
स्वच्छ भारत अभियान के तहत यह सुविधा जम्मू कश्मीर, नागालैंड, पंजाब, राजस्थान, वेस्ट बंगाल के बॉर्डर एरिया के गांव में उपलब्ध करायी जा रही है.इन सुविधाओं के माध्यम से लोगों को अपने ही इलाके में रहने की सुविधा दी जाएगी.सरकार की इस योजना से बॉर्डर ईलाकों के ग्रामीण बेहद खुश हैं. उनका कहना है कि अबतक बुनियादी सुविधाओं से वो वंचित थे. लेकिन अब मॉडल विलेज बन जाने से उन्हें तमाम वो सुविधाएं मिलने लगेगी जो शहरों में मिलती है.