अनंत सिंह का होम्योपैथिक ईलाज करेगें मंत्री ललन सिंह, उनके आतंक का करेगें खात्मा
सिटी पोस्ट लाइव : अपने खिलाफ मुंगेर लोक सभा क्षेत्र से ताल ठोक रहे मोकामा के बाहुबली विधायक अनंत सिंह का ईलाज बिहार सरकार के सिंचाई मंत्री ललन सिंह ने शुरू कर दी है. ये ईलाज अंग्रेजी नहीं होमियोपैथिक है इसलिए अभी तक इसका अहसास अनंत सिंह को नहीं हो रहा है और उनकी बीमारी और बढती जा रही है. लेकिन जब लम्बे समय के बाद जब इसका असर दिखेगा तो बीमारी ( मोर्चा खोलने की बीमारी )जड़ से ख़त्म हो जायेगी.अनंत सिंह लगातार ललन सिंह पर हमलावर हैं. लगातार उनके ऊपर आरोप लगा रहे हैं. ललन सिंह चुपचाप हैं लेकिन उनकी पार्टी के प्रवक्ता नीरज कुमार उन्हें करार जबाब दे रहे हैं. ललन सिंह नीरज के हमला को अंग्रेजी ईलाज बता रहे हैं.आज उन्होंने कहा कि वो बीमारी का होमियोपैथिक ईलाज करते हैं.
आज पंडारक में अपने स्वागत में आयोजित अभिनन्दन समारोह में पहुंचे ललन सिंह ने अनंत सिंह का नाम तो नहीं लिया लेकिन जोरदार हमला बोल दिया. उन्होंने लालू यादव के जंगल राज की चर्चा करते हुए कहा कि नीतीश राज में आतंक राज का खात्मा हो गया है और अब बारी है आतंकी को ख़त्म करने की. उन्होंने मोकामा की जनता को अनंत सिंह का नाम लिए वगैर भरोसा दिलाया कि इस ईलाके में अनंत सिंह के कायम आतंक को वो मिटा देगें.उन्होंने अनंत को चेतावनी देते हुए कहा कि जिस तरह से उन्होंने लालू यादव का होमियोपैथिक ईलाज किया था उसी तरह का ईलाज अनत सिंह का भी होगा.उन्होंने कहा कि लालू का ईलाज 19 96 में चारा घोटाले की जांच करवा कर शुरू की थी और 20 12 में उन्हें सजा हुई और आज जेल में हैं. इसी तरह से अनंत सिंह का भी होमियोपैथिक ईलाज होगा .
मोकामा से अनंत सिंह के आतंक के खात्मे के साथ साथ NTPC में चल रही रंगदारी के सिंडिकेट के खात्मे का अंत करने का एलान करते हुए ललन सिंह ने कहा कि NTPC बनाने में जिन लोगों की ज़मीन गई है, उन्हें ही NTPC का सारा लाभ मिलना चाहिए. NTPC के सारे ठेके और कामकाज पर रंगदारी वसूलने के कारोबार का खात्मा कर ही वो दम लेगें.जेडीयू प्रवक्ता नीरज सिंह ने कहा कि NTPC के ठेकेदारों से हर काम पर रंगदारी वसूलने वाले अनंत सिंह अब रंगदारी नहीं चलेगी. आपका सारा सिंडिकेट ध्वस्त कर दिया जाएगा. नीरज सिंह ने कहा कि बुधवार को अनंत सिंह के गावं में जाकर जबाब देगें. उन्होंने कहा कि अपने गोतिया भाई-भतीजों की हत्या करनेवाले अनंत सिंह में इतनी हिम्मत नहीं है कि अपने गावं के घर में एक रात्री विश्राम कर लें.