सीएम नीतीश ने जारी किये निर्देश, जल्द हटेगा मछलियों को बेचने पर लगा बैन

City Post Live - Desk

सीएम नीतीश ने जारी किये निर्देश, जल्द हटेगा मछलियों को बेचने पर लगा बैन

सिटी पोस्ट लाइव : बिहार की राजधानी पटना में मछलियों पर लगा ग्रहण अब हट सकता है. जानकारी अनुसार बिहार में आंध्र प्रदेश, बंगाल सहित अन्य राज्यों से आने वाली मछलियों को बेचने पर लगे बैन को शाम तक हटा लिया जायेगा. मछिलयों पर लगे बैन के बीच नीतीश सरकार के मंत्री मदन सहनी ने सीएम से मुलाकात की और इस बैन को हटाने का आग्रह किया. जानकारी के मुताबिक सीएम ने उन्हें मछलियों पर लगी रोक को हटाने का आश्वासन दिया है और बुधवार की शाम तक ही इस रोक को हटाने का निर्देश मिल सकता है.

मदन सहनी ने बताया कि जिंदा मछलियों में किसी भी तरह की कोई गड़बड़ी नहीं पायी गई है. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने तत्काल मुख्य सचिव को इस पर फैसला लेने का निर्देश दे दिया है. बताते चलें कि मछली विक्रेताओं को स्वास्थ्य विभाग ने 14 जनवरी से आंध्र प्रदेश और पश्चिम बंगाल से आने वाली मछलियों को 15 दिनों तक बेचने पर रोक लगा दिया था. साथ ही इन मछलियो की बिक्री या भंडारण करते हुए पकडे जाने पर उसे सात साल की जेल और दस लाख का जुर्माना देना होगा.  स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव संजय कुमार ने इसकी जानकारी देते हुए कहा था कि आंध्र प्रदेश और बंगाल सहित बिहार की मछली के नमूनों की जांच की गई थी. जिसमें आंध्र प्रदेश और पश्चिम बंगाल से आनेवाली मछलियां खाने योग्य नहीं थी.

गौरतलब है कि पिछले दिनों बिहार में बर्ड फ्लू के कारण मुर्गी व्यापारियों को भारी नुक्सान उठाना पड़ा था. साथ ही चिकेन खाने वाले भी परहेज करने लगे थे. वाही मछलियों पर स्वास्थ्य विभाग द्वारा 15 दिनों के बैन ने मांसाहारियों के लिए नई मुश्किल पैदा कर दी थी. इससे मछली व्यपारियों में भी भारी रोष देखने को मिल रहा था. वहीं बुधवार को बिहार सरकार द्वारा मछली बिक्री बंद करने के विरोध में विकासशील इंसान पार्टी द्वारा पटना के कारगिल चौक पर मुख्यमंत्री का पुतला दहन किया गया. पार्टी के सैकड़ों पदाधिकारियों तथा कार्यकर्ताओं द्वारा मछली बिक्री बंद करने पर प्रतिरोध जाहिर किया गया. पार्टी का कहना है कि बिहार में मछली बिक्री बंद करने से हजारों मछुआरा परिवारों के जीवन-यापन पर संकट पैदा हो गया है. साथ ही मछली पालन पर आश्रित बिहार के हजारों मल्लाहों का रोजगार चौपट हो गया है. सरकार का यह फैसला निषाद तथा मछुआरा विरोधी है.

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