अयोध्या विवाद पर रोजाना होगी सुनवाई या नहीं, आज आ सकता है संवैधानिक पीठ का फैसला
सिटी पोस्ट लाइव : अयोध्या भूमि विवाद पर आज से सुप्रीम कोर्ट की नई संवैधानिक पीठ सुनवाई करेगी. गुरुवार को पांच जजों की संविधान पीठ इस मामले की सुनवाई के दौरान तय करेगी कि इस को रोजाना सुना या नहीं. इस पीठ की अध्यक्षता चीफ जस्टिस रंजन गोगोई करेंगे, जबकि पीठ में जस्टिस एसए बोबडे, जस्टिस एनवी रमना, जस्टिस यूयू ललित और जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ शामिल हैं. सुप्रीम कोर्ट ने पिछली सुनवाई के दौरान इस केस की सुनवाई की तारीख तय की थी.
आज पांच जजों की संविधान पीठ इस मामले की सुनवाई करेगी. इस पीठ की अध्यक्षता चीफ जस्टिस रंजन गोगोई करेंगे, जबकि पीठ में जस्टिस एसए बोबडे, जस्टिस एनवी रमना, जस्टिस यूयू ललित और जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ शामिल हैं. इस संविधान पीठ में मुख्य न्यायाधीश के अलावा चार सु्प्रीम कोर्ट के जज शामिल हैं.
इससे पहले सु्प्रीम कोर्ट ने पूर्व की सुनवाई में कहा था कि अयोध्या विवाद पर 10 जनवरी से सुनवाई शुरू होगी. मामले की सुनवाई के लिए मंगलवार को संविधान पीठ का गठन कर दिया गया था. अयोध्या मामले की सुनवाई के लिए इस पीठ को अभूतपूर्व बेंच माना जा रहा है. गौर करने वाली बात है कि इससे पहले तीन जजों की पीठ ने इस मामले को पांच जजों की पीठ को भेजने से इनकार कर दिया था. लेकिन चीफ जस्टिस रंजन गोगोई ने इस मामले में अप्रत्याशित कदम उठाते हुए इसे पांच जजों की संवैधानिक पीठ को भेजने का फैसला लिया है.
आज से होने वाली सुनवाई में यह तय हो सकता है कि विवादित राम जन्मभूमि पर किसका अधिकार है. साथ ही इस बात पर भी फैसला होगा कि क्या इस मामले की रोजाना सुनवाई होगी. आपको बता दें कि 27 सितंबर 2018 को सुप्रीम कोर्ट की तीन जजों की बेंच ने इस्माइल फारुखी की मांग को ठुकरा दिया था. फारुकी ने कहा था कि 1994 के फैसले पर फिर से विचार किया जाए और उसे संविधान पीठ को भेजा जाए. इस फैसले में कोर्ट ने मस्जिद के भीतर नमाज पढ़ने को इस्लाम धर्म का अभिन्न हिस्सा मानने से इनकार कर दिया था. लेकिन कोर्ट ने फारुखी की इस मांग को खारिज कर दिया था.