गरीब सवर्णों के समर्थन में, लेकिन आरक्षण बिल का विरोध करेगी राजद
सिटी पोस्ट लाइव : केंद्र सरकार ने लोकसभा चुनाव से पहले बड़ा फैसला लिया है. सोमवार को हुई केंद्रीय कैबिनेट की बैठक में फैसला लिया गया है की सवर्णों को आर्थिक आधार पर शिक्षा और सरकारी नौकरियों में 10% आरक्षण दिया जाएगा. केंद्र सरकार ने मंगलवार को सदन में 124वां संविधान संशोधन बिल पेश किया है. इस फैसले के बाद देश के सवर्णों में हर्ष है. बिहार में कई सवर्ण संगठनों ने इस फैसले का स्वागत किया है. हालांकि उनका मानना है कि 10 प्रतिशत से सवर्णों की स्थिति नहीं सुधरने वाली है. उन्हें कम से कम 15 प्रतिशत आरक्षण चाहिए. वहीँ बिहार की सबसे बड़ी विपक्षी पार्टी राजद ने दोनों सदनों में इसका में इस बिल का विरोध करने की बात कही है. मीडिया से बात करते हुए राजद के नेता और राज्यसभा सांसद मनोज कुमार झा ने कहा कि राजद आरक्षण का तो समर्थन करेगी लेकिन वो इस बिल का संसद में विरोध करेगी.
उन्होंने इस दौरान कहा की राजद दोनों सदनों में इस बिल का विरोध करेगी. राजद नेता ने आगे सरकार से ओबीसी के आंकड़ों को जारी करने की बात कहते हुए आरक्षण में ओबीसी समाज की हिस्सेदारी को तय करने की मांग सरकार से की है. इससे पहले कल बिहार विधानसभा में विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव ने भी एक ट्वीट के जरिए अपनी पार्टी राजद के स्टैण्ड को क्लियर कर दिया था. तेजस्वी यादव ने ट्वीट कर देश की 15 प्रतिशत आबादी को 10 प्रतिशत आरक्षण देने की बात पर एतराज जताया था. उन्होंने साथ ही यह मांग की थी कि देश की 85 प्रतिशत अबादी को सरकार 90 प्रतिशत का आरक्षण दे. वहीं उन्होंने यह भी सवाल उठाया था कि सरकार 10% आरक्षण किस आयोग और सर्वेक्षण की रिपोर्ट के आधार पर दे रही है? जाहिर है तेजस्वी ये भूल गए कि जिन शर्तों पर सरकार सवर्णों को आरक्षण दे रहे है, उन शर्तों पर 85 प्रतिशत आबादी वाले लोग नहीं मानेंगे.