आखिर पलामू प्रमंडल के लोग कब कर सकेंगे प्राकृतिक दृश्यों का स्वच्छंद आनंद
सिटी पोस्ट लाइव, मेदिनीनगर: पलामू का प्राकृतिक दृश्य देखने लायक है। यहां के लोगों को यह दुर्भाग्य है कि वह जाकर भी अपने परिवार के साथ उक्त स्थलों पर प्रकृतिक सुंदर दृश्यों का आनंद नहीं ले सकते हैं। पलामू के कई निवर्तमान पुलिस अधिकारियों ने बातचीत के दौरान कहा था कि पलामू प्रमंडल में सुंदर प्राकृतिक दृश्यों की भरमार है। लोग चाहकर भी अपने परिवार के साथ उक्त दृश्यों का आनंद नहीं ले सकते, यह सबसे बड़ा दुर्भाग्य है। कारण उग्रवादियों ने अपना डेरा यहां बना लिया है। वे लम्बे समय से पलामू प्रमंडल के खूबसूरत प्राकृतिक स्थल पर राज कर रहे हैं और यहां के लोग अपने ही घर के दृश्यों से पूरी तरह से महरूम है। आखिर पलामूवासियों के वह कब दिन आएगा जब वह अपने परिवार के साथ निर्भय होकर प्राकृतिक दृश्यों का आनंद उठा सकेंगे। केचकी के बारे में कहा जाता है कि महाभारत महाकाव्य में कीचक के नाम का उल्लेख है, उसी ने उसे बसाया था , जो अशुद्ध केचकी के नाम से विख्यात हुआ। औरंगा व कोयल नदी के संगम पर स्थित है केचकी। यहां का दृश्य पूरी तरह से दर्शनीय है। केचकी के निकट ही अति रमणीय स्थल पलामू किला और कमलदाह है। यहाँ एक बड़ा सा सरोवर है। नए पलामू किले का नागपुरी गीत देखने योग्य है। पुराने किले के प्रांगण में एक सभा मंडप है। इस के दीवारों में सुंदर चित्रकारी की गई है. यह चित्रकारी मुगल शैली तथा राजपूत शैली का समन्वय है। कमलदाह के समीप ही होम किला का खंडर है देखने मात्र से ही ज्ञात होता है कि यह दो मंजिला खिलाकिला था। यह चेरो के पूर्व का ही चिन्हित होता है। किले के निकट एक पहाड़ पर देवी का मंदिर था जो पूरी तरह से खत्म हो चुका है। पुराना किला के दक्षिण में एक पहाड़ है,उसमे अनेक गुफाएं है, जिसमें गोला व बारूद रखे जाते थे। यह पहाड़ी दस हजारी छावनी के नाम से प्रसिद्ध है।