खादी वस्त्र नहीं अपितु विचारधारा है : डॉ. विद्यानाथ

City Post Live - Desk

#citypostlive दरभंगा : गांधीवादी विचारक एवं सामाजिक चिंतक अमरेश्वरी चरण सिन्हा ने कहा कि खादी पहनने की हम सब अपने से शुरूआत करे, तो ही इसकी खोयी प्रतिष्ठा जल्द वापस मिल सकती है। आज खादी संकट के जिस दौड़ मे है। उसके काफी हद तक हम स्वयं ही जिम्मेदार है। खादी ग्रामोद्योग भवन की ओर से स्थानीय रामबाग परिसर में आज आयोजित ” वर्तमान समय में खादी की प्रासंगिकता” विषयक संगोष्ठी को संबोधित करते हुए गांधीवादी विचारक अमरेश्वरी चरण सिन्हा ने कहा कि खादी वस्त्र मात्र ही नहीं है वो विचारधारा है और चिंतन भी। आज के दौड़ में खास लोगों ही खादी वस्त्र पहनते एवं उनके विचारों का अनुसरण करते हैं। आज हमारे बच्चो या नई पीढ़ियों को फिल्मो के हीरो-हीरोइन के नाम तो मालूम है, परन्तु अगर आप उनसे यह पूछेंगे कि हमारे देश के राष्ट्रपिता कौन थे या स्वतंत्रता सेनानियों के बारे में जानते है, तो शायद वह ना बता पाए, परन्तु इसमे बच्चो से ज्यादा उनके अभिभावको की गलती है। श्री सिन्हा ने कहा कि गांधीजी ने अपने संघर्ष के दिनो में कुछ ऐसी अनमोल वस्तुएं भारत देश को दी, जिनका मूल्य लगाना मुश्किल ही नहीं नामुमकिन है। वैसे तो इतिहास में कई चीजो का उल्लेख आता है, परन्तु इसमें चरखा ओर खादी का अपना एक विशेष महत्व है। कार्यक्रम की अध्यक्ष्ता करते हुए प्रधानाचार्य डॉ. विधानाथ झा ने कहा कि अब ये हम सब कि जिम्मेदारी है कि खादी की विरासत को अपने आने वाली पीढ़ी के लिये बचा के रखना है। उन्होंने कहा कि हमलोगों ने खादी के महत्व को करीब से देखा है कि कैसे खादी आम जन के जीवन को जीने का आधार है। उन्होंने कहा कि खादी को बाजार में अपनी हैसियत बनाये रखने के लिए आज के बाजार के हिसाब से ढलना पडेगा जो यह बखूबी करने का प्रयास कर रहा है। एक समय था जब खादी को साधारण माना जाता था और फैशन के नाम पर खादी का प्रयोग नहीं किया जाता था, लेकिन आधुनिक समय में फैशन के साथ ही खादी की मांग भी दिन-प्रतिदिन बढ़ रही है। कार्यक्रम को सम्बोधित करने वालों में सुरेन्द्र कुमार सुधांशु, कमलेश झा आदि ने विचार रखे। अतिथियों का स्वागत खादी ग्रामोद्योग भवन के विनोद कुमार मिश्रा ने और पंकज मिश्र ने धन्यवाद ज्ञापित किया। इस मौके पर कनक खादी रत्न सम्मान मिथिला के प्रसिद्ध सर्वोदयी, खादीवादी उग्र नारायण मिश्र कनक की याद में शुरू किया गया है।

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