सिटीपोस्टलाईव: वाह रे बेगुसराय पुलिस .हद कर दी .भला इतना भी कोई संवेदनहीन हो सकता है ? बेगूसराय रेलवे स्टेशन पर पहचान के लिए दो दिनों से एक शव सड रहा है.लेकिन बेगुसराय जीआरपी के अधिकारियों की इसकी तनिक भी चिंता नहीं. शव को खुले में ही फुट ओवरब्रिज की सीढ़ी के नीचे फेंक दिया गया है .कड़ी धूप में शव तेजी से सड़ रहा है और इसके दुर्गंध से आने-जाने वाले लोग परेशान हैं. तेज दुर्गन्ध से कई रेल यात्री उल्टी कर चुके हैं . बिना नाक पर रूमाल रखे हुए कोई यात्री यहां से गुजर नहीं सकता है.
शव बुधवार तक यूं ही फुटओवरब्रिज के नीचे ही सड़ता रहेगा क्योंकि नियमानुसार जीआरपी को अज्ञात शव को तीन दिनों तक पहचान के इंतजार में रखना होता है.- उसके बाद ही जीआरपी शव का अंतिम संस्कार करवाएगी .लेकिन इसका ये मतलब नहीं कि शव को ऐसे फेंक दिया जाए. रेलवे स्टेशन पर इसे शवगृह या फिर वातानुकूलित बॉक्स में रखा जाना चाहिए .अगर यहाँ शव गृह और वातानुकूलित बॉक्स नहीं है तो बाज़ार से बर्फ की सिल्ली मंगवाया जा सकता था.
सोमवार को बरौनी-कटिहार रेल खंड के 45 नंबर गुमटी के पास बुजुर्ग महिला ट्रेन से कटकर मर गई थी.- जीआरपी ने शव का पोस्टमार्टम कराकर शव को प्लेटफार्म पर रखवा दिया है. जीआरपी थानाध्यक्ष हारूण रशीद का कहना है कि शवगृह नहीं होने के कारण मजबूरी में शव को प्लेटफार्म पर रखना पड़ता है.उन्होंने बताया कि स्टेशन परिसर में शवगृह बनाए जाने या फिर वातानुकूलित बाक्स के लिए रेल एसपी कटिहार को कई बार पत्र लिखा गया है.
स्टेशन प्रबंधक रंधीर कुमार प्रसाद सिंह ने कहा कि लावारिश शवों को सुरक्षित रखने की जिम्मेदारी जीआरपी की है.
कटिहार रेल एसपी उमाशंकर प्रसाद ने कहा कि शवगृह या वातानुकूलित शव बॉक्स के लिए बार-बार डीआरएम को पत्र लिखा गया है, लेकिन डीआरएम स्तर से इस संबंध में ध्यान नहीं दिया जा रहा है. अब तक केवल हाजीपुर में ही ये व्यवस्था है.
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