अनुदानित बीज नहीं मिलने से गैर प्रमाणिक बीज पर निर्भर हैं किसान

City Post Live - Desk

#citypostlive बेनीपुर : प्रखंड में अनुदानित दर पर गेहूं की बीज उपलब्ध नहीं कराए जाने से जहां किसानों ने गैर प्रमाणिक बीजों के सहारे एवं अधिक मूल्य पर खरीद कर बोआई किया है। वहीं निजी व्यापारी चांदी काट रहे हैं और किसान उनके हाथों आर्थिक दोहन एवं शोषण के शिकार बनने को मजबूर है। सरकारी घोषणा के अनुरूप प्रखंड में बीज उपलब्ध नहीं होने के कारण किसान निराश होकर कर खुले बाजार में बिक रहे बीज खरीद कर बोआई कर रहे हैं। पर कृषि कार्यालय इसकी सही जानकारी तक देने को तैयार नहीं है। विभाग बाजार में खाद एवं बीज का क्या कीमत है और कौन-कौन अधिकृत खाद विक्रेता प्रखंड में हैं, इसकी भी जानकारी नहीं दे रहा है। वहीं जरिसो के पप्पू झा, बिपिन कुमार झा कहते हैं सरकारी घोषणा के अनुरूप आज तक समय पर बीज कभी नही मिलता है। न ही अनुदान ही समय पर किसानों के खाते में जाता है। इस बार सरकार अनुदान काटकर किसानों को बीज उपलब्ध कराने की घोषणा तो एक माह से कर रही है। एक बार तीन सौ बैग बटवारा हुआ, फिर गुरूवार एवं शुक्रवार को कुछ किसानों को बीज दिया गया, जो ऊँट के मुँह में जीरा का फोरन के समान है। समय बीत जाने के बाद यदि प्रखंड को बीज उपलब्ध होगा भी तो इसका फायदा बिचौलियों के माध्यम से बाजार के व्यापारी व खुद आपूर्ति करने वालों को होगा। वही 50 किलो का डी ए पी 1500 रुपए, पोटाश 2100 रूपये बैग, यूरिया 380 रूपये, कैलसियम 2000 रूपये, प्रति बोरा जिंक में महा जिंक 80 किलों बाजार में किसानों से दुकानदार ले रहा है। कहीं किसी विक्रेता पौष मसीन का व्यवहार नहीं कर रहा है। गांव-घर में धड़ल्ले से खाद विक्री हो रही है। किसान अनभिज्ञ हैं कि खाद डुप्लीकेट है या ठीक। वहीं सरकार के द्वारा तय कीमत क्या है। वह न तो स्थानीय पदाधिकारी प्रचार-प्रसार कर हैं न ही दुकानदार मूल्य की सूची चिपकाये हुए हैं।

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