आरबीआई के गवर्नर उर्जित पटेल ने अपने पद से दिया इस्तीफा
सिटी पोस्ट लाईव: केंद्रीय बैंक और नरेंद्र मोदी सरकार के बीच मनमुटाव के सामने आने के लगभग एक महीने बाद भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर उर्जित पटेल ने सोमवार को अपने पद से इस्तीफा दे दी है. रिज़र्व बैंक के वेबसाइट पर जारी बयान में कहा गया है, “निजी वजहों से मैंने तत्काल प्रभाव से अपने पद से इस्तीफ़ा देने का फ़ैसला किया है. पिछले कई वर्षों से भारतीय रिज़र्व बैंक में विभिन्न पदों पर रहना मेरे लिए सम्मान की बात रही है. पिछले कुछ वर्षों में रिज़र्व बैंक कर्मचारियों की कड़ी मेहनत और सहयोग बेहद अहम रहा. मैं इस मौके पर अपने सहयोगियों और रिज़र्व बैंक के डायरेक्टर्स के प्रति आभार व्यक्त करता हूँ और भविष्य के लिए उन्हें शुभकामनाएं देता हूँ.”
रिज़र्व बैंक के डिप्टी गवर्नर विरल आचार्य ने जब पिछले महीने अपने भाषण में खुलकर रिज़र्व बैंक की स्वायत्ता की वकालत की थी और माना था कि नकदी की उपलब्धता, क्रेडिट फ्लो और सरकार के नियंत्रण को लेकर मोदी सरकार और रिज़र्व बैंक में मतभेद हैं.पिछले कुछ समय से मोदी सरकार और गवर्नर उर्जित पटेल के बीच मनमुटाव की ख़बरें आ रही थीं. कहा जा रहा था कि सरकार ने आरबीआई एक्ट के सेक्शन-7 के भीतर अपने विशेषाधिकार को लागू कर दिया है. इसे रिज़र्व बैंक की स्वायत्ता में हस्तक्षेप माना गया था.
आरबीआई गवर्नर उर्जित पटेल के अपने पद से इस्तीफे को भारतीय जनता पार्टी के सांसद सुब्रह्मण्यम स्वामी ने अर्थव्यवस्था के लिए खराब संकेत कहा है. स्वामी ने कहा, उनका इस्तीफा आरबीआई, अर्थव्यवस्था और सरकार के लिए अच्छा नहीं है. उन्हें कम से कम जुलाई तक पद पर रहना चाहिए था, जब तक नई सरकार चुनकर आती. पीएम को उन्हें बुलाकर उनसे बात करनी चाहिए और उन्हें पद पर बने रहने के लिए मनाना चाहिए क्योंकि ये जनहित में है. कांग्रेस नेता अहमद पटेल ने पटेल के इस्तीफे पर कहा है कि जिस तरह से आरबीआई गवर्नर पर पद छोड़ने के लिए दबाव बनाया गया, वो ठीक नहीं है. देश की संस्थाओं की विश्वसनीयता और साख को ये सरकार खत्म कर रही है.