सोमनाथ .
सिटीपोस्टलाईव: कल ही यानी मंगलवार को लालू यादव के बड़े बेटे तेजप्रताप ने उप-मुख्यमंत्री सुशिल कुमार मोदी से मिलकर अपने शादी में आने का आमंत्रण दिया था .लेकिन उसका कोई असर सुशिल मोदी पर नहीं पड़ा.मोदी ने दुसरे हे दिन यानी बुधवार को लालू यादव के परिवार पर हमला बोल दिया. लालू प्रसाद परिवार के खिलाफ उप मुख्यमंत्री सुशील मोदी बुधवार को एक और नया मामला लेकर आए. उन्होंने कहा कि टाटा की संपत्ति खरीदने के लिए नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव की बोगस कंपनी फेयरग्रो को सहारा ग्रूप ने पैसे मुहैया कराए थे.
सुशील मोदी ने बताया कि लालू और राबड़ी सरकार ने केवल टाटा समूह का ही इस्मेमाल नहीं किया, बल्कि सहारा ग्रुओप और प्रेम चन्द्र गुप्ता का भी पूरा इस्तेमाल फेयरग्रो होल्डिंग प्राइवेट लिमिटेड जैसी मुखौटा कम्पनी के माध्यम से किया.
उप मुख्यमंत्री ने कहा कि जिस राजेश कुमार ने फेयरग्रो कम्पनी के अधिकृत प्रतिनिधि बनकर 65 लाख का भुगतान किया और सेल डीड पर क्रेता के रूप में हस्ताक्षर किया, वह फेयरग्रो का न तो निदेशक था न हीं शेयर होल्डर. यहां तक की उस कंपनी का एक भी कर्मचारी नहीं था. फेयरग्रो कंपनी में कोई कर्मचारी कभी नियुक्त ही नहीं किया गया.
बकौल सुशील मोदी, टाटा की संपत्ति के बदले फंडिंग करने वाला राजेश कुमार सहारा ग्रुप के डिप्टी एमडी जेबी राय का पीएस था. वर्तमान में राजेश सहारा मीडिया के कॉरपोरेट डिवीजन में महत्वपूर्ण पद पर कार्यरत हैं. आरटीआइ से मिली जानकारी का जिक्र करते हुए सुशील मोदी ने बताया कि जांच में यह भी पाया गया कि राजेश कुमार के ईमेल आईडी पर फेयरग्रो के अनेक निदेशक की नियुक्ति एवं त्यागपत्र संबंधित दस्तावेज मिले हैं.
राजेश कुमार ही कंपनी के सारे काम को देख रहे थे. राजेश कुमार ने ये भी बताया कि सहारा गु्रप के डीजीएम हरदीप सिंह के निर्देश पर वे काम करते थे. राजेश कुमार ने सेल डीड पर जो पता दिया है, वह भी पूरी तरह फर्जी है. इस पते पर राजेश कुमार नामक कोई व्यक्ति कभी नहीं रहा.
उप मुख्यमंत्री ने बताया कि प्रेम चंद गुप्ता और सहारा ग्रुप के लोग डमी शेयर होल्डर और डमी डायरेक्टर के माध्यम से फेयरग्रो कंपनी चला रहे थे. लालू परिवार के लिए ये बेनामी संपत्ति का इंतजाम भी करते थे।
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