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चितरा कोलियरी में पेयजल संकट दूर होगा, पाइपलाइन का काम जल्द पूरा कराया जाएगा : वर्णवाल

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चितरा कोलियरी में पेयजल संकट दूर होगा, पाइपलाइन का काम जल्द पूरा कराया जाएगा : वर्णवाल

सिटी पोस्ट लाइव, रांची: मुख्यमंत्री जनसंवाद केंद्र में दर्ज जनशिकायतों की मंगलवार को हुई साप्ताहिक समीक्षा में मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव सुनील वर्णवाल ने सरकार की जनकल्याणकारी योजनाओं का लाभ लोगों तक पहुंचाने और जनता की शिकायतों के निपटारे के लिए अफसरों को संवेदनशीलता के साथ काम करने का निदेश दिया। समीक्षा के दौरान देवघर जिले के सारठ प्रखंड अंतर्गत चितरा कोलियरी इलाके में पेयजल के गंभीर संकट का मामला प्रमुखता से सामने आया। बताया गया कि यहां पाइपलाइन बिछाने की योजना 2012 में शुरू हुई, जिसपर 2014 तक काम चला लेकिन उसके बाद से यह योजना अधूरी छोड़ दी गयी। अभी हाल यह है कि गर्मी बढ़ने पर इलाके के सूखे कुओं में टैंकर के जरिए पानी उड़ेला जाता है, जिसका उपयोग लोग पेयजल के रूप में करते हैं। समीक्षा के दौरान पेयजल एवं स्वच्छता विभाग के अफसरों को निर्देश दिया गया कि इस गंभीर समस्या के निदान के लिए पाइपलाइन बिछाने की योजना को प्राथमिकता के आधार पर पूरा करायें।

चतरा में वन विभाग में गृहरक्षक के पद पर कार्यरत इंद्रदेव तिवारी की कार्यकाल के दौरान अगस्त 2015 में मृत्यु के बाद इनकी आश्रित पत्नी को अब तक अनुग्रह अनुदान की राशि का भुगतान नहीं किए जाने का मामले पर संबंधित अधिकारी ने बताया कि आश्रित को 2 लाख की अनुदान राशि देने का प्रावधान है और जुलाई 2018 से अब तक दो बार डीएफ़ओ से आवंटन की मांग की गयी थी, जो अब तक अप्राप्त है। इसपर सीएम के प्रधान सचिव ने लापरवाही का मामला मानते हए जुलाई 2018 से अब तक के सभी पदास्थापित डीएफ़ओ को चिन्हित कर उनके खिलाफ विभागीय कार्यवाही का आदेश दिया। साथ ही अगले मंगलवार तक आश्रित को अनुदान राशि भुगतान सुनिश्चित कराने का भी निर्देश दिया।

पाकुड़ में वर्ष 1954 में तत्कालीन बिहार सरकार ने पहाड़िया जनजाति को मुख्यधारा से जोड़ने के लिए उनके नाम से जमीन बंदोबस्त कर पुरानी परती व वन भूमि पर बसाया था तथा वर्ष 1975-76 में सरकार ने इन्हें पट्टा भी दिया है, जिस पर माल पहाड़िया जाति अंकित है। इसी के आधार पर वर्ष 2016 तक इन्हें आवसीय व जाति प्रमाण पत्र निर्गत किए जाते थे। वर्तमान में इन परिवारों के सदस्यों का प्रमाण-पत्र निर्गत नहीं किया जा रहा है। इसकी वजह से वे लोग कई सरकारी योजनाओं से वंचित हैं। इस मामले से जुड़ी शिकायत के समीक्षा के दौरान विभाग के नोडल अधिकारी ने जानकारी दी कि जिला की रिपोर्ट के मुताबिक 1975-76 में सरकार द्वारा जारी किए गए पट्टे में जाति का उल्लेख नहीं है, जिसके कारण प्रमाण-पत्र निर्गत नहीं किया जा पा रहा है। इसपर सरकार के अपर सचिव रमाकांत सिंह ने विभाग कार्मिक विभाग से परामर्श कर जाति प्रमाण पत्र जारी करने की वैकल्पिक व्यवस्था का निर्देश दिया।

रामगढ़ के पतरातू प्रखण्ड के सुदी ग्राम निवासी देवानन्द महतो व अन्य 10 लोगों का घर सितम्बर 2017 में वर्षा के कारण क्षतिग्रस्त होने के बाद अब तक मुआवज़े का भुगतान नहीं किए जाने की शिकायत पर विभाग के नोडल अधिकारी ने जानकारी दी कि सभी प्रभावितों के आवेदन की स्वीकृति हो चुकी है और 10 दिसंबर 2018 तक भुगतान करा दिया जायेगा।

पलामू जिले में एक मामले में वित्तीय वर्ष 2011-12 में राजकीय मध्य विद्यालय, बारी का भवन निर्माण कार्य शुरू किया गया था, जो अब तक अधूरा है। इसपर सीएम के प्रधान सचिव श्री वर्णवाल ने आश्चर्य जताते हुए जिला के अधिकारी से पूछा कि आपलोग जिलास्तर से कार्यों की समीक्षा करते हैं या नहीं। उन्होंने विभाग को प्रत्येक सप्ताह पोर्टल पर विकास कार्यों का ब्योरा फोटोग्राफ के साथ अपलोड करने का आदेश दिया ।

सरायकेला-खरसावां में वर्ष 1985 में स्वर्णरेखा बहुद्देशीय बांध परियोजना अंतर्गत हेबेन गाँव के सोनू मांझी सहित अन्य 20 रैयतों की जमीन अधिग्रहित की गई थी। विस्थापितों के नाम से विकास पुस्तिका निर्गत नहीं होने की वजह से अनुदान राशि सहित अन्य देय लाभ नहीं मिलने की शिकायत पर श्री वर्णवाल ने जिला के उपायुक्त के माध्यम से इस मामले की जांच के लिए एक विशेष टीम गठित कर रैयतों को भुगतान कराने का निर्देश दिया।

खूंटी के कर्रा प्रखण्ड अंतर्गत सिलाफारी गाँव में जनवरी 2018 में जलमीनार बनायी गयी थी, परंतु जलमीनार से पेयजलापूर्ति के लिए लगाया गया मोटर पंप खराब होने के कारण पेयजल आपूर्ति अब तक शुरू नहीं हुई है। इस मामले में श्री वर्णवाल ने जिला के नोडल अधिकारी को पेयजल एवं स्वच्छता विभाग के खिलाफ उपायुक्त के माध्यम से कारण बताओ नोटिस जारी करने का निर्देश दिया।

गढ़वा जिले के तपेश्वर चौधरी सहित अन्य 210 मजदूरों को डीडीटी छिड़काव-कार्य के एवज में दस वर्ष बीत जाने के बावजूद अब तक मजदूरी का भुगतान नहीं किया गया है। इसपर सीएम के प्रधान सचिव ने विभाग के अधिकारी से पूछा कि काम करवाने के बाद आप किस आधार पर आवंटन नहीं दे रहे हैं। श्री वर्णवाल ने विभाग को अगले मंगलवार तक सभी मजदूरों के लंबित भुगतान का निर्देश दिया।

रामगढ़ वर्ष 2012 में छटु साव, बंसत करमाली तथा अन्य 20 रैयतदारों की भूमि पतरातू डैम से रामगढ़ तक चार लेन सड़क निर्माण हेतु अधिग्रहित की गयी थी, लेकिन इसके एवज में अब तक मुआवज़े का भुगतान नहीं किया गया है। इस मामले में अपर समाहर्ता ने बताया कि कुछ रैयतों का भुगतान हो चुका है एवं शेष सभी को 15 दिनों के अंदर भुगतान कर दिया जाएगा। इसपर प्रधान सचिव सुनील वर्णवाल ने अपर समाहर्ता को चेताया कि यदि अगली ‘सीधी बात’ कार्यक्रम तक भुगतान नहीं हुआ तो सस्पेंड होने को तैयार रहें।

गिरिडीह जिले के रांगामाटी ग्राम के बरमसिया टोला में सड़क चौड़ीकरण के क्रम में पाइप लाइन उखाड़ दिये जाने के कारण टोले के लगभग 150 घरों में पेयजल की आपूर्ति पिछले एक वर्ष से बंद है। इस संदर्भ में संबन्धित अधिकारी ने बताया कि पाइप लाइन की शिफ्टिंग होनी है, यह कार्य पीएचडी विभाग से होना है जिसकी तकनीकी स्वीकृति मिल गयी गयी है। प्राक्कलन की राशि स्वीकृत होते ही पीएचडी विभाग को राशि भेज दी जाएगी। अपर सचिव ने विभाग के अधिकारी को निर्देश देते हुए हुए कहा कि यह कार्य मार्च 2019 से पहले अनिवार्य रूप से हो जाना चाहिए।

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