ग्रामीणों ने बना दिया कोसी नदी पर बांस-बल्ले का 1200 मीटर लंबा हौसलों का चचरी पुल
सिटी पोस्ट लाइव स्पेशल : कहते हैं कि अगर हौसले बुलंद हो तो पहाड़ खोदकर भी दूध की नदियां बहाई जा सकती है। कुछ ऐसा ही कारनामा कर दिखाया है महिषी प्रखंड के कडुम्बर पंचायत ग्रामीणों ने। इन लोगों ने अपने मेहनत के बल पर आपसी सहयोग से क्षेत्र में स्थित कडुम्बर घाट पर बांस का चचरी पुल बनाकर हजारों लोगों की आवाजाही का रास्ता बना दिया है। क्षेत्र में स्थित कडुम्बर घाट पर हजारों लोगों का प्रतिदिन आवागमन है लेकिन इस पर पुल ना होने के कारण लोगों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता था। यह रास्ता पटना सहित 4 जिलों को जोड़ता है। बच्चों के स्कूल जाने का रास्ता, मरीजों के अस्पताल जाने का रास्ता और रोजमर्रा की जरूरतों के लिए हजारों लोग प्रतिदिन इस रास्ते से गुजरते हैं। लेकिन ग्रामीणों के लाख कोशिश के बावजूद, जनप्रतिनिधि व प्रशासन के असहयोग पूर्ण रवैये के कारण यह इलाका अभी तक उपेक्षित रहा है।
क्षेत्र के लोगों ने आपसी सहयोग से पहले तो लगभग 5 लाख रुपये इकट्ठे किये फिर बांस का पुल तैयार कर अपने आने-जाने का रास्ता खुद से बना लिया है। क्षेत्र के पूर्व विधायक सह भाजपा नेता सुरेंद्र यादव,पुल निर्माण कर्ता परमानंद यादव उर्फ पारो यादव, सिंधु यादव, रणविजय सिंह, अमरनाथ सिंह, अशोक सिंह, प्रदीप सिंह, संजीव कुमार का कहना है कि चुनाव के समय जनप्रतिनिधियों ने पुल निर्माण से लेकर तरह-तरह के वादे किये लेकिन किसी ने कुछ भी नहीं किया। थक-हारकर यह पुल आपसी सहयोग से बनाया है, ताकि आने-जाने का रास्ता तो हो जाए। लोगों ने प्रशासन सहित बिहार के मुख्यमंत्री से इस घाट पर पक्का पुल बनवाने की पुनः मांग की है।
मालूम हो कि कोसी नदी के इस कडुम्बर घाट पर 1200 मीटर लंबा चचरी पुल के निर्माण में घोघसम के पुर्व मुखिया चंदूला देवी के पति पारो उर्फ परमानंद यादव ने साहसी कदम उठाते हुए निर्माण के लिए पहला कदम बढ़ाया। फिर लोगों के साझे प्रयास से पुल का निर्माण हुआ। जिसका विधिवत उद्घाटन सोमवार को महिषी के पूर्व विधायक सह घोघसम निवासी सुरेंद्र प्रसाद यादव ने पुल निर्माण संघर्ष समिति के सचिव रणविजय सिंह, कोषाध्यक्ष अमरनाथ सिंह, संयोजक प्रदीप सिंह एवं अन्य लोगों के साथ संयुक्त रूप से फीता काटकर किया।
इस मौके पर पूर्व विधायक सुरेंद्र यादव ने कहा कि चचरी पुल ही स्थाई पुल के निर्माण के लिए गति देने में बड़ा कारगर साबित होगा। चार जिला को जोड़ने वाले इस चचरी पुल के द्वारा 10 लाख लोगों से ज्यादा आबादी लाभान्वित होगी। क्षेत्रीय लोगों का कहना है कि स्थायी पुल निर्माण तक हमारा संघर्ष चलता रहेगा और जबतक स्थाई पुल नहीं बनेगा तब तक संघर्ष तेज रहेगा। पूर्व विधायक सुरेंद्र यादव ने कहा कि 5 लाख की लागत से बने इस चचरी पुल के निर्माण के लिए पारो यादव ने जो साहसी कदम उठाया इसके लिए मैं उनको धन्यवाद देता हूँ। वाकई सरकार को यह चचरी पुल आईना दिखा रहा है।
इस घाट पर पुल निर्माण के लिए लोगों ने 15 दिनों तक भूख हड़ताल करने के अलावे जल सत्याग्रह भी किया था। क्षेत्र के सांसद पप्पू यादव ने लोगों से यह कहकर शांत कराया था कि वे इस नदी पर पुल बनवाकर रहेंगे। अगर पुल नहीं बनवाया, तो आगे लोकसभा चुनाव नहीं लड़ेंगे। लेकिन पप्पू तो पप्पू हैं। उनके ज्यादातर वायदों की हवा निकल चुकी है। हम सरकार से इस चचरी पुल की तस्वीर के जरिये, यह अपेक्षा कर रहे हैं कि सरकार नजरे ईनायत करे और बांस-बल्ले के इस चचरी पुल पर जल्दी से ईंट -गाड़े का पुल बनकर तैयार हो जाये।
पीटीएन न्यूज मीडिया ग्रुप के सीनियर एडिटर मुकेश कुमार सिंह की सपेशल रिपोर्ट