राज्य सरकार और झारखंड पेट्रोलियम डीलर्स एसोसिएशन अपनी-अपनी जिद पर अड़े
सिटी पोस्ट लाइव, धनबाद : राज्य सरकार और झारखंड पेट्रोलियम डीलर्स एसोसिएशन दोनों अपनी-अपनी जिद पर अड़े हुए हैं। मंत्री सीपी सिंह ने झारखंड के सभी पेट्रोल पंप संचालकों को अपने पंप पर गाड़ियों के प्रदूषण जांच मशीन लगाने के सख्त निर्देश दिये हैं । वहीं, जेपीडीए ने आदेश मानने से इनकार कर दिया है। एक तरफ झारखंड सरकार अड़ी है तो दूसरी तरफ झारखंड पेट्रोलियम डीलर्स एसोसिएशन का कहना है कि जब पूरे देश में यह व्यवस्था कहीं लागू नहीं है, तो सिर्फ झारखंड में ही क्यों । राज्य सरकार के नगर विकास और नगर विकास परिवहन मंत्री सीपी सिंह ने कहा कि अगर वो नियम का पालन नहीं करते हैं तो पंपों की एनओसी रद्द कर दी जाएगी। इधर मंत्री के आदेश को जेपीडीए के प्रदेश अध्यक्ष अशोक कुमार सिंह ने उच्च न्यायालय में याचिका दायर कर चुनौती दी है और कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने ऐसा कोई आदेश नहीं दिया है। सरकार अपना पीछा छुड़ाने के लिए ये बोझ पंपों पर लाद रही है। जहां कहीं पंपों पर गाड़ी प्रदूषण जांच मशीन लगी हैं मगर उसका उपयोग नगण्य है।
जेपीडीए के प्रदेश अध्यक्ष अशोक कुमार सिंह ने कहा कि मंत्री के आदेश को वे लोग नहीं मानेंगे। यदि उन्हें पंप में ताला लगवाना है, तो लगवा दें । जनवरी 2019 से वे लोग भी पंप का शटर डाउन करने के लिए तैयार हैं। उन्होंने कहा कि आखिर झारखंड में करीब 1100 पेट्रोल पंप हैं और सभी में प्रदूषण जांच मशीन लगाने का खर्च 4 से 5 लाख रुपये आएगा।