जम्मू कश्मीर : विधानसभा भंग करने पर कांग्रेस ने उठाए सवाल, केंद्र पर लगाया बड़ा आरोप
सिटी पोस्ट लाइव : जिस तरह से बुधवार को जम्मू कश्मीर राज्य में राजनीतिक घटनाएं घटी उससे केंद्र सरकार फिर से एक बार विपक्ष के निशाने पर आ गया है. विपक्षियों ने राजनीतिक हमले करना शुरू कर दिए हैं. मालूम हो कि बुधवार को एक अप्रत्याशित घटनाक्रम में जम्मू कश्मीर के राज्यपाल सत्यपाल मालिक ने विधान सभा को भंग कर दिया था. लेकिन जिस तरह से जल्दबाजी में 15 मिनट के भीतर जम्मू कश्मीर विधान सभा को भंग किया गया उससे कई प्रश्न विरोधियों को उठाने का मौका दे दिया है .
कांग्रेस पार्टी के कदावर नेता एवं पूर्व वितमंत्री पी चितम्बरम ने जम्मू कश्मीर के राज्यपाल पर तीखा हमल बोला है. उन्होंने कहा कि जब तक किसी पार्टी ने सरकार बनाने के लिए दावा पेश नहीं किया था, तबतक राज्यपाल द्वारा विधान सभा भंग नहीं किया गया था. वे खुश थें, लेकिन जैसे ही उन्हें पता चला कि कांग्रेस, नेशनल कॉन्फ्रेंस एवं पीडीपी सरकार बनानेवाली है तुरंत विधानसभा को भंग कर दिया गया. उन्होंने सभी को संदेह में रखा. चिदंबरम ने कहा कि संसदीय लोकत्रंत के साथ खिलवाड़ हो रहा है. चिदंबरम ने आरबीआई विवाद और नोटबंदी का जिक्र करते हुए कहा कि जैसा कि इन तमाम मसलों में किया गया है, वैसे ही जम्मू कश्मीर में भी किया गया है. यहां गुजरात मॉडल को अपनाया गया और राज्यपाल को यह सब करने के लिए कहा गया.
उन्होंने कहा कि जब महबूबा मुफ्ती ने 50 से अधिक विधायकों के समर्थन होने का दावा पेश किया था तो सरकार बनाने के लिए समय मिलाना चाहिए था. लेकिन राज्यपाल ने केंद्र के इशारे पर विधानसभा भंग कर दिया. एक तरफ जहां कांग्रेस जम्मू कश्मीर के राज्यपाल पर केंद्र का एजेंट होने का आरोप लगा रही है वहीं बीजेपी के राष्ट्रीय महासचिव राम माधव ने आरोप लगाया है कि पीडीपी और एनसी ने निकाय चुनाव में बहिष्कार किया था. क्योंकि वे सीमा पार के निर्देश पर काम कर रहे हैं. वहीं राज्यपाल सत्यपाल मालिक ने सुरक्षा का हवाला देते हुए विधान सभा भंग करने कि बात कही थी.