पुलिस दबिश के बाद, पूर्व मंत्री मंजू वर्मा ने मंझौल अनुमंडल न्यायालय में किया सरेंडर
सिटी पोस्ट लाइव : आर्म्स एक्ट मामले में आरोपी पूर्व समाज कल्याण मंत्री मंजू वर्मा ने आज मंझौल अनुमंडल न्यायालय में सरेंडर कर दिया है. बता दें लम्बे समय से फरार चल रही मंजू वर्मा की तलाश लगातार की जा रही थी न उनका कोई सुराग नहीं मिला. इस बीच उन्हें जदयू ने अपनी पार्टी से भी निलंबित कर दिया. साथ ही कोर्ट के आदेश के बाद पुलिस ने उनके कई ठिकानो पर छापेमारी भी की. यही नहीं मंजू वर्मा की गिरफ्तारी को लेकर पुलिस ने दबिश बढ़ाते हुए शनिवार को उनके आवास पर इश्तेहार चिपकाया. फिर कुर्की जप्ती शुरू कर दिया. मंजू वर्मा के कुछ समर्थक विरोध करने लगे लेकिन पुलिस ने उन्हें भगा दिया.
बता दें सरेंडर के दौरान पहचान छिपाने की गरज से मोहतरमा ने बुर्का पहनकर सरेंडर किया. गौरतलब है कि मुजफ्फरपुर बालिका गृह कांड से उनके पति के तार जुड़ने के बाद, पति ने तो जेल में अपना ठिकाना बना लिया लेकिन आर्म्स एक्ट मामले में मंजू वर्मा फरार चल रही थीं. वही मंजू वर्मा की फरारी को लेकर विरोधी दल लगातार यह आरोप लगा रहे थे कि मंजू वर्मा सूबे के मुखिया नीतीश कुमार के घर में छुपी हुई है. अब जबकि मंजू वर्मा समर्पण कर चुकी हैं, तो आगे यह देखना बेहद दिलचस्प होगा कि पुलिस उन्हें कब रिमांड पर लेती है और आगे उनसे क्या-क्या पूछताछ करती है.
राजनीतिक समझ वाले लोगों की निगाह इस बात पर भी टिकी है कि मंजू वर्मा को अदालत इस मामले में कितना दोषी मानती है और क्या सजा मुकर्रर करती है. वैसे मंजू वर्मा के आत्मसमर्पण से जदयू ने राहत की गहरी सांस ली है. लम्बे समय तक पुलिस को चकमा देते हुए मंजू वर्मा ने आखिरकार थक हारकर कोर्ट में सरेडर कर ही दिया. गौरतलब है कि पिछले सप्ताह महीनों की लुका-छुप्पी के बाद मंजू वर्मा के पति ने तो कोर्ट में सरेंडर कर दिया था. लेकिन मंजू वर्मा ने सरेंडर नहीं किया.
मामले की निगरानी कर रहे सुप्रीम कोर्ट ने मंजू वर्मा को अबिलम्ब गिरफ्तार करने का आदेश दिया था. जब दो महीने बाद भी मंजू वर्मा गिरफ्तार नहीं हुई तो सुप्रीम कोर्ट ने बिहार के dgp को नोटिस जारी कर 27 नवम्बर तक मंजू वर्मा की गिरफ्तारी सुनिश्चित करने का निर्देश दिया. सुप्रीम कोर्ट की फटकार के बाद बिहार पुलिस सक्रीय हुई. पिछले कई दिनों से उनके ठिकानों पर छापेमारी कर रही थी.
बेगूसराय से सुमित कुमार की रिपोर्ट