डेढ़ घंटे बाद शुरू हो पाया नाले में गिरे दीपक को बचाने के लिए रेस्क्यू ऑपरेशन
सिटी पोस्ट लाइव : पटना के एस.के पूरी के एक नाले में गिरे 10 साल के बच्चे को अभी तक बाहर निकालने में NDRF की टीम को सफलता नहीं मिली है. दीपक को बाहर निकालने के लिए एनडीआएफ लगातार सर्च ऑपरेशन चला रही है. सूत्रों के अनुसार अब बच्चे की खोज के लिए सेना की मदद ली जा सकती है. सेना की मदद मांगने को लेकर जिला प्रशासन ने दानापुर आर्मी हेड क्वार्टर से संपर्क किया है.लेकिन स्थानीय लोग और दीपक के पिता रेस्क्यू ऑपरेशन को लेकर बड़ा सवाल उठा रहे हैं.उनका आरोप है कि सूचना देने के डेढ़ घंटे बाद नगर निगम की टीम रेस्क्यू के लिए पहुंची तबतक दीपक बह चूका था.उनका कहना है कि अगर समय से रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू हो जाता तो उनका बच्चा तुरत बचाया जा सकता था.
दीपक के दोस्त के अनुसार 1 बजे नाले में कोई पानी नहीं था लेकिन डेढ़ बजे अचानक बहुत पानी भर गया था. बहाव बहुत तेज था. जैसे ही दीपक नाले में गिरा उसके दोस्त ने शोर मचाना शुरू कर दिया. स्थानीय लोगों ने तुरत शंप हाउस को सूचना दी. शंप हाउस को बंद कर दिया गया. कुछ देर में पानी का बहाव तो कम हो गया. लेकिन 100 मीटर की दुरी तक NDRF की टीम नाले को खंगाल चुकी है. लेकिन अभीतक दीपक का कोई सुराग नहीं मिला है.NDRF टीम के ऑपरेशन में लगे जवानों का कहना है कि जो भी टीम नाले में अन्दर जाती है उसे दो घंटे के अन्दर बाहर निकलना पड़ता है. अन्दर ऑक्सीजन की कमी है .सबसे बड़ा सवाल जिस नाले में SDRF के जवान दो घंटे से ज्यादा देर तक नहीं टिक सकते, उस नाले में पिछले 7 घंटे से फंसे मासूम बच्चे की हालत क्या होगी?
मौके वारदात पर सर्च ऑपरेशन को देखने के लिए भारी भीड़ जुटी हुई है. अफरा-तफरी का माहौल बन गया है. सब दीपक की सलामती की दुआ मांग रहे हैं. बच्चे को बचाने के लिए स्थानीय लोगों ने ही सबसे पहले प्रयास शुरू किया था. मौके पर हादसे का जायजा लेने स्थानीय एमएलए और बीजेपी विधायक संजीव चौरसिया भी पहुंचे हैं. लेकिन लोगों में बहुत आक्रोश है. उनका कहना है कि रेस्क्यू ऑपरेशन में बहुत बिलम्ब हुआ. जिला प्रशासन ने सूचना देने के वावजूद तत्परता नहीं दिखाई. डेढ़ घंटे बाद नगर निगम के अधिकारी पहुंचे. पुलिस तो पहले पहुँच गई थी. लेकिन कुछ करने के बजाय वो नगर निगम की टीम का इंतज़ार करती रही. बच्चे के पिता का कहना है कि बच्चा के गिरते ही शंप हाउस बंद कर दिया गया था. अगर तुरत रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू हो जाता तो उनका बेटा मिल गया होता.