योजना तो बहुत आकर्षक है .स्मार्ट सिटी एरिया में पड़ने वाले सभी छह स्लम को पुनर्वासित करते हुए एबीडी एरिया को स्लम फ्री क्षेत्र बनाना है. प्रधानमंत्री आवास योजना से लाभान्वित कर उन्हें कमलानेहरू नगर और चीना कोठी में बसाना है .इस काम पर ही सैकड़ों करोड़ खर्च होंगें.लोगों की सभी समस्याओं के निराकरण के लिए  कंट्रोल एंड कमांड सेंटर बनाने की योजना है .शहर में कही भी घटना, दुर्घटना, परिवहन, सीवरेज, स्ट्रीट लाइट, ट्रैफिक लाइट, शहरी गतिविधि की कैमरा रिकॉर्डिग, पेयजल, शौचालय, ठोस-कचरा प्रबंधन, डस्टबिन, वाई-फाई, निगम के वाहनों की अद्यतन स्थिति उपलब्ध कराया जाना है .

गौरतलब है कि राजधानी के बीचो बीच मंदिरी ईलाके का बदबूदार नाला है .अभीतक  नाले की स्मार्टनेस को लेकर कोई भी कवायद शुरू नहीं हुई है. मिशन स्मार्ट सिटी लिमिटेड की ओर से पहले चरण में इस कार्य को कराया जाना था. मंदिरी नाला को लेकर बुडको की ओर से मंदिरी नाला को पाट कर सड़क बनाने का प्रस्ताव था.लेकिन अभीतक इसका डीपीआर ही तैयार नहीं हुआ है.मजेदार बात ये है कि जिस  बुडको  कंल्सटेंट एजेंसी को डीपीआर तैयार करना था वह पहले के भुगतान नहीं होने को लेकर पीछे हट गया है.सवाल ये  उठता  है  कि क्या दो चार सुन्दर पार्क बना देने, और सडकों पर लाईट लगा देने से राजधानीटीहोजायेगी ?क्या सरकार बदबूदार नालों ,टूटी-फूटी सडकोंडा-कचरे के  साथ राजधानी  को स्मार्ट बनाना चाहतीहै ?