महिला पुलिसकर्मियों के यौन उत्पीड़न के खिलाफ 10 नवंबर को माले का कैंडल मार्च

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हिला पुलिसकर्मियों के यौन उत्पीड़न के खिलाफ 10 नवंबर को माले का कैंडल मार्च

सिटी पोस्ट लाइव :  महिला पुलिस सविता पाठक की डेंगू से मौत के बाद हंगामा करने वाले  77 महिला सहित 175 पुलिसकर्मियों की बर्खास्तगी का मामला अब राजनीतिक तूल पकड़ने लगा है. इस बर्खास्तगी के खिलाफ भाकपा माले ने शुक्रवार को राजधानी सहित सभी जिला मुख्यालयों पर प्रतिवाद मार्च किया. भाकपा की मांग है कि महिला सहित सभी पुलिसकर्मियों की बर्खास्तगी सरकार तुरंत रद्द करे.

पार्टी ने महिला पुलिसकर्मियों के यौन शोषण के दोषी अधिकारियों को चिह्नित कर कार्रवाई करने की मांग की. पटना में कारगिल चौक पर प्रतिवाद सभा को विधायक दल नेता महबूब आलम, शशि यादव समेत कई नेताओं ने संबोधित किया. महबूब आलम ने कहा कि वर्तमान राज्य शासन में महिलाएं कहीं भी सुरक्षित नहीं हैं. कस्तूरबा विद्यायल हो या बालिका शेल्टर होम लड़कियों का यौन उत्पीड़न हो रहा है. पुलिस लाइन की घटना ने तो साबित कर दिया कि पुलिस विभाग में भी महिलाएं सुरक्षित नहीं है.

इस बर्खास्तगी के खिलाफ आज शनिवार को भाकपा माले की तरफ से महिला पुलिसकर्मियों के यौन उत्पीड़न के खिलाफ 10 नवंबर को कैंडल मार्च होगा. माले नेत्री शशि यादव ने कहा कि उनकी पार्टी इस मामले को लेकर जरुरत पडी तो जन-आन्दोलन करेगी.उन्होंने कहा कि आज बिहार में महिलायें कहीं भी सुरक्षित नहीं हैं. जब महिला पुलिसकर्मी ही यौन उत्पीडन की शिकार हो रही हैं, ऐसे आम महिलाओं की सुरक्षा की बात बेमानी है.

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