सिपाही विद्रोह का असली कसूरवार DYSP लेकिन सजा पीड़ित महिला सिपाहियों को
सिटी पोस्ट लाइव : BJP नेता संजय पासवान ने पटना पुलिस लाइन में विद्रोह की जो वजह बताई थी, वह सच निकली. उन्होंने कहा था कि प्रताड़ना और यौन उत्पीडन से पैदा हुई है विद्रोह की स्थिति. गुरुवार को महिला आयोग में महिला सिपाहियों ने इसी तरह की गंभीर शिकायत अपने डीएसपी और सार्जेंट मेजर के खिलाफ की है. महिला सिपाहियों ने पुलिस लाइन के सार्जेंट मेजर सह डीएसपी मसलाउद्दीन पर काफी गंभीर आरोप लगाया है. महिला सिपाहियों का आरोप है कि छुट्टी मांगने पर डीएसपी साहब केबिन में बुलाते थे. अश्लील हरकतें करते थे. और सबके सामने भद्दी-भद्दी गालियां देकर उन्हें अपमानित करते थे.
महिला सिपाहियों की शिकायतों को सूनने के बाद राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष दिलमणि सिंह ने कहा कि आरोप बेहद गंभीर हैं और वो इसकी गंभीरता से जांच करेगीं. 32 बर्खास्त महिला सिपाही प्रताड़ना की शिकायत लेकर पटना में राज्य महिला आयोग के दफ्तर पहुंची थीं. बर्खास्त महिला सिपाहियों ने कहा कि उन्हें ट्रेनिंग के वगैर ड्यूटी पर लगा दिया गया .उन्हें केवल ये बताया गया कि उनके साथ जो कोई दुर्व्यवहार करे, उसे लाठी मरना है. हमने यहीं उस दिन पुलिस लाइन में किया.
महिला सिपाहियों का कहना है कि जिस तरह से उन्हें पुलिस लाइन में अपमानित और प्रताड़ित किया जा रहा था, उसको लेकर उनके अंदर आक्रोश व्याप्त था और जब मौका मिला तो वह फट पड़ा. महिला सिपाहियों का कहना था कि जिस तरह से डीएसपी साहब बार-बार प्रताड़ित करते थे. हमलोगों से हमेशा गाली से बात करते थे. हेय दृष्टि से देखते थे। हमेशा मां-बाप के नाम लगाकर गाली देते थे, हम लोगों के अंदर बहुत गुस्सा था.तीन महीने से हमलोगों के साथ यह सब कुछ हो रहा था. लेकिन कोई सुनवाई करनेवाला नहीं था.
बर्खास्त महिला सिपाहियों का कहना है कि हमलोगों को वगैर किसी नोटिस के सीधे बर्खास्त कर दिया गया. 2 नवंबर के बवाल के लिए महिला सिपाहियों ने सीधे डीएसपी को जिम्मेवार ठहराते हुए कहा कि हमलोगों को मृत महिला सिपाही सविता को श्रद्धांजलि देने के लिए पुलिस लाइन बुलाया गया था. इसी बीच लाइन डीएसपी भी शोक संवेदना प्रकट करने वहां पहुंचे. लेकिन वो शोक प्रकट करने की जगह पर अपशब्द का प्रयोग करने लगे. उनके इस दुर्व्यवहार के कारण ही वहां मौजूद सिपाही भड़क उठे और पुलिस लाइन में तोड़फोड़ शुरू कर दी.
लेकिन सबसे बड़ा सवाल , सरकार ने उपद्रव मचाने के आरोप में एकसाथ डेढ़ सौ सिपाहियों को बर्खास्त तो कर दिया लेकिन महिला सिपाहियों के साथ दुर्व्यवहार करने वाले डीएसपी के खिलाफ कोई कारवाई करना मुनासिब नहीं समझा. क्या पुलिस में इसी तरह से गालिया देकर और अभद्र व्यवहार कर महिला सिपाहियों को ट्रेनिंग देने की व्यवस्था है. अगर नहीं तो फिर आजतक उस डीएसपी के खिलाफ कोई कारवाई क्यों नहीं हुई, जो असली खलनायक है.