सिटीपोस्टलाईव: जब से पटना मोकामा फोरलेन बना है तब से सड़क हादसों की संख्या बहुत बढ़ गई है . पिछले 2 सालों में सिर्फ टिलहर गांव के ही 7 लोगों की मौत हो चुकी है. गुरुवार को ही बख्तियारपुर-पटना फोरलेन पर सड़क हादसे में टिलहर गांव के रहने वाले युवक राकेश यादव की मौत हो गई थी.आये दिन हो रहे सड़क हादसे से नाराज लोग शुक्रवार सुबह धरने पर बैठ गए.सड़क पर लोगों के उतर जाने से जाम महा-जाम में तब्दील हो गया .दो दिनों तक लोग जाम में फंसे रहे.शुक्रवार को खुद एसपी आनंद कुमार को पहुंचना पड़ा लेकिन लोग उनकी सुनने को भी तैयार नहीं. फिर क्या था एसपी साहब खुद लोगों के साथ सड़क पर बैठ गए .बैठे बैठे लोगों को समझाना शुरू कर दिया .
ग्रामीण एसपी आनंद कुमार को सड़क पर अपने साथ बैठे देख प्रदर्शन कर रहे लोगों का दिल पिघल गया .एसपी साहब ने मौके का फायदा उठाया और दोषियों के खिलाफ उचित कार्रवाई करने का आश्वासन देकर उन्हें मनाने में कामयाब हो गए. एसपी के आश्वासन के बाद ग्रामीणों ने प्रदर्शन समाप्त कर दिया.
एसपी आनंद कुमार ने सिटीपोस्टलाईव को बताया कि घटना को लेकर ग्रामीण इतने गुस्से में थे कि वे उठने के लिए तैयार ही नहीं हुए. जब ग्रामीण नहीं उठे तो मैं ही जमीन पर बैठ गया. फिर ग्रामीणों से मैंने बात की और दोषियों पर उचित कार्रवाई का भरोसा दिलाया तब जाकर ग्रामीण माने और जाम खुला.गौरतलब है कि 20 दिन पहले इन्हें पटना के ग्रामीण एसपी के तौर पर पदस्थापित किया गया है. 2012 बैच के आईपीएस अधिकारी आनंद कुमार इससे पहले राज्यपाल के पद परिसहाय के पद पर थे .घंटों जाम में फंसे लोग एसपी साहब से खुश भी थे और नाराज भी.उनका कहना था कि अगर पहले ही एसपी साहब यहाँ आ गए होते तो उन्हें घंटों इस महा-जाम में नहीं फंसना पड़ता.लेकिन एसपी साहब की समस्या ये है कि उनका प्रमुख काम ग्रामीण ईलाकों में अपराध नियंत्रण है .ट्राफिक समस्या के समाधान के लिए तो उन्हें मज़बूरी में आना पड़ा .