JDU ने शुरू कर दी है ईन 16 सीटों से चुनाव लड़ने की तैयारी, पैदल होगें BJP के कई सांसद

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JDU ने शुरू कर दी है ईन 16 सीटों से चुनाव लड़ने की तैयारी, पैदल होगें BJP के कई सांसद

सिटी पोस्ट लाइव : बीजेपी ने जेडीयू के साथ बराबर बराबर सीटों पर चुनाव लड़ने का एलान कर दिया है. लेकिन अभीतक उपेन्द्र कुशवाहा और रामविलास पासवान की पार्टी के साथ समझौता नहीं होने के कारण ये तय नहीं हो पा रहा है कि दोनों पार्टियाँ कितनी कितनी सीटों पर चुनाव लडेगीं. लेकिन अभी से जेडीयू ने 16 सीटों पर चुनाव लड़ने की तैयारी शुरू कर दी है.गौरतलब है कि बीजेपी के साथ जब भी नीतीश कुमार चुनाव लड़ें हैं, बीजेपी से ज्यादा सीटों पर लड़ें हैं और उन्हें ज्यादातर सीटों पर सफलता भी मिली है. 2004 से लेकर 2009 के चुनाव तक जेडीयू बीजेपी के बड़ा भाई की भूमिका में बिहार में रहा है.

लेकिन 2014 में बीजेपी से समझौता टूटने के बाद अकेले लोक सभा चुनाव लड़ने पर जेडीयू को केवल दो सीटों पर ही सफलता मिली थी.इस चुनाव में जेडीयू अकेले चुनाव लड़ा था और उसे लोक सभा के चुनाव में 243 विधान सभा क्षेत्रों में से केवल 18 में पहला स्थान, 28 दूसरा स्थान और 183 पर तीसरा स्थान मिला था. इस परफॉरमेंस के हिसाब से माना जा रहा था कि इसबार उसे बीजेपी बहुत कम सीटें देगी. क्योंकि 2014 के चुनाव में बीजेपी जेडीयू के दो सीटों के मुकाबले 31 सितोंपर जीती थी. 174 विधान सभा क्षेत्रों में वह पहले स्थान पर थी, 54 विधान सभा क्षेत्रों में दूसरे स्थान पर और 15 सीटों पर तीसरे स्थान पर थी. जाहिर है इस परफॉरमेंस के आधार पर उसे ज्यादा सीटें मिलनी चाहिए थी. लेकिन इसबार बीजेपी अकेले चुनाव मैदान में उतरने के लिए तैयार नहीं है इसलिए उसे नीतीश कुमार के साथ बराबरी का सौदा करना पड़ा है. यह नीतीश कुमार की बड़ी जीत है और नीतीश कुमार की जीत पर ही बीजेपी के सरकार का भविष्य निर्भर है.

बीजेपी और जेडीयू का इस लोक सभा चुनाव में बराबर बराबर सीटों पर लड़ना तो तय हो गया है लेकिन कितनी सीटें उन्हें मिलेगीं ये तो एलजेपी और रालोसपा के साथ समझौता फाइनल होने के बाद ही पता चलेगा.लेकिन जेडीयू ने अभी से ये मानकर कि रालोसपा को तीन से ज्यादा और पासवान को 5  से ज्यादा सीटें नहीं मिलेगी, अभी से 16 सीटों के चयन में जुट गई है. सूत्रों के अनुसार ये सीटें लगभग फाइनल हो चुकी हैं.जेडीयू बक्सर, आरा और काराकाट  में से किसी एक सात पर जरुर लड़ेगी. ज्यादा चांस आरा सीट से है. यानी आरके सिंह इसबार पैदल हो सकते हैं. दरभंगा सीट से उसका लड़ना फाइनल है.सुपौल, पूर्णिया, मधेपुरा, मुंगेर और नालंदा से से भी उसका लड़ना तय है. बाल्मीकि नगर, महाराजगंज, बांका से भी लगभग जेडीयू का चुनाव लड़ना फाइनल है.

सूत्रों के अनुसार जेडीयू पटना की एक लोक सभा सीट यानी पाटलिपुत्र या फिर पटनासाहिब में से कोई सीट मांग रही है. अगर रविशंकर की जगह रामकृपाल यादव पटनासाहिब से लड़ने को तैयार हुए तो पाटलिपुत्र सीट जेडीयू को मिल सकती है.इस सीट से जेडीयू के रंजन यादव एकबार चुनाव जीत भी चुके हैं.जमुई सीट अगर एलजेपी सांसद चिराग पासवान छोड़ेगें तो जेडीयू का दावा बन सकता है. जेडीयू बांका सीट से लड़ने की तैयारी भी कर रही है. जाहिर है जेडीयू के साथ समझौता होने से बीजेपी के कम से कम 5 सांसद  पैदल होगें.वैसे शत्रुघ्न सिन्हा और कीर्ति आजाद का टिकेट पहले ही कट चूका है और बेगूसराय सीट भोला सिंह के निधन के बाद खाली है.

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