रिटायर होने से पहले लवगुरू मटुकनाथ ने FB पर लिखा- चढ़ती जवानी मेरी चाल मस्तानी

City Post Live - Desk

रिटायर होने से पहले लवगुरू मटुकनाथ ने FB पर लिखा- चढ़ती जवानी मेरी चाल मस्तानी

सिटी पोस्ट लाइव : लवगुरू के नाम से फेमस पटना विश्वविद्यालय के बीएन कॉलेज में हिंदी विभाग के प्रोफेसर मटुकनाथ चौधरी आज रिटायर हो रहे हैं. अपने रिटायरमेंट से पहले आज उन्होंने अपने फेसबुक अकाउंट पर एक पोस्ट लिखा है जिसमें ‘चढ़ती जवानी मेरी चाल मस्तानी’ शीर्षक के साथ लिखा है कि- मैं 65 वर्ष का लरिका हूं ! मेरी जवानी ने अभी अंगड़ाई ली है ! मेरे अंग-अंग से यौवन की उमंग छलक रही है ! जब मैं मस्त होकर तेज चलता हूं तो लोग नजर लगाते हैं ! दौड़ता हूं तो दांतों तले उंगली दबाते हैं —

अब हम कैसे चलीं डगरिया
लोगवा नजर लगावेला !
मेरी खुशनसीबी कि इस चढ़ती जवानी में रिटायर हो रहा हूं ! लोग पूछते हैं कि रिटायरमेंट के बाद क्या कीजिएगा ?
चढ़ती जवानी में जो किया जाता है, वही करूंगा !
मतलब ?
मतलब यह कि मैं ब्याह करूंगा ! बरतुहार बहुत तंग कर रहे हैं ! उनकी आवाजाही बढ़ गई है ! लेकिन मैं एक अनुशासित, शर्मीला और परंपरा प्रेमी लरिका हूं ! इसलिए खुद बरतुहार से बात नहीं करता हूं ।उन्हें गार्जियन के पास भेज देता हूं ! मेरे विद्यार्थी ही मेरे गार्जियन हैं! वे जो तय कर देंगे, आंख मूंदकर मानूँगा ! उनसे बड़ा हितैषी मेरा कोई नहीं हो सकता !

हंसी-मजाक छोड़िए। बताइये कि रिटायरमेंट के बाद क्या योजना है ? क्योंकि आप जो योजना बनाते हैं, उसे पूरा करके ही दम मारते हैं !
विदा हुआ वह मटुकनाथ जो योजना बनाता था और उसे पूरा करने में लहू सुखाता था ।अब हम केवल मस्ती करेगा ! सबसे पहले हम ब्याह करेगा ! इसलिए आपलोगों का दायित्व है कि एक सुटेबल कन्या से मेरा ब्याह कराइये, फिर मेरी चाल देखिए ! विवाह के पहले कुछ नहीं करने का ! कुछ नहीं सोचने का !

आज मेरा रिटायरमेंट डे है। वास्तव में यह मेरा स्वाधीनता दिवस है ! व्यर्थ के कार्यों से मुक्ति मिलने का आनंद मेरी रगों में दौड़ रहा है ! विश्वविद्यालय के क्लास बकवास हैं ! विद्यार्थियों की प्रतिभा कुंद करने के सिवा वहाँ कोई रचनात्मक काम संभव नहीं ! खुशी इस बात की है कि इस हिंसात्मक शिक्षा में जुटे रहने की बाध्यता से मुक्ति मिल रही है ! अब मैं जिस दिशा में कदम रखूंगा, वह वास्तविक शिक्षा होगी ! किंतु, मैं कोई योजना बनाकर उसे पूरा करने के तनाव में नहीं पड़ूंगा। मन की तरंग पर सवार होकर उड़ूंगा ! अस्तित्व जो करवाना चाहेगा, उसी की इच्छा में अपनी इच्छा को लय करूंगा ! आत्म-सुख मेरी प्राथमिकता होगी। मेरी समझ है कि केवल सुखी व्यक्ति दूसरों को सुख पहुंचाने में सहायक हो सकता है । समाज, देश और दुनिया को बदलने का नारा विशुद्ध धोखा है!

अब हम कैसे चलीं डगरिया

लोगवा नजर लगावेला !

मेरी खुशनसीबी कि इस चढ़ती जवानी में रिटायर हो रहा हूं ! लोग पूछते हैं कि रिटायरमेंट के बाद क्या कीजिएगा ?

चढ़ती जवानी में जो किया जाता है, वही करूंगा !

मतलब ?

मतलब यह कि मैं ब्याह करूंगा …

बरतुहार बहुत तंग कर रहे हैं ! उनकी आवाजाही बढ़ गई है ! लेकिन मैं एक अनुशासित, शर्मीला और परंपरा प्रेमी लरिका हूं ! इसलिए खुद बरतुहार से बात नहीं करता हूं ।उन्हें गार्जियन के पास भेज देता हूं ! मेरे विद्यार्थी ही मेरे गार्जियन हैं ! वे जो तय कर देंगे, आंख मूंदकर मानूँगा ! उनसे बड़ा हितैषी मेरा कोई नहीं हो सकता !

हंसी-मजाक छोड़िए । बताइये कि रिटायरमेंट के बाद क्या योजना है ? क्योंकि आप जो योजना बनाते हैं, उसे पूरा करके ही दम मारते हैं !

अब हम केवल मस्ती करेगा…

विदा हुआ वह मटुकनाथ जो योजना बनाता था और उसे पूरा करने में लहू सुखाता था ।अब हम केवल मस्ती करेगा ! सबसे पहले हम ब्याह करेगा ! इसलिए आपलोगों का दायित्व है कि एक सुटेबल कन्या से मेरा ब्याह कराइये, फिर मेरी चाल देखिए ! विवाह के पहले कुछ नहीं करने का ! कुछ नहीं सोचने का !

आज मेरा रिटायरमेंट डे है । वास्तव में यह मेरा स्वाधीनता दिवस है ! व्यर्थ के कार्यों से मुक्ति मिलने का आनंद मेरी रगों में दौड़ रहा है ! विश्वविद्यालय के क्लास बकवास हैं ! विद्यार्थियों की प्रतिभा कुंद करने के सिवा वहाँ कोई रचनात्मक काम संभव नहीं !

खुशी इस बात की है कि इस हिंसात्मक शिक्षा में जुटे रहने की बाध्यता से मुक्ति मिल रही है ! अब मैं जिस दिशा में कदम रखूंगा, वह वास्तविक शिक्षा होगी ! किंतु, मैं कोई योजना बनाकर उसे पूरा करने के तनाव में नहीं पड़ूंगा । मन की तरंग पर सवार होकर उड़ूंगा ! अस्तित्व जो करवाना चाहेगा, उसी की इच्छा में अपनी इच्छा को लय करूंगा !

आत्म-सुख मेरी प्राथमिकता होगी । मेरी समझ है कि केवल सुखी व्यक्ति दूसरों को सुख पहुंचाने में सहायक हो सकता है । समाज, देश और दुनिया को बदलने का नारा विशुद्ध धोखा है।

बता दें मटुकनाथ को अपनी छात्रा  जूली से प्यार हो गया था. 55 साल की उम्र में 25 साल की जूली से उनका प्यार इस कदर परवान चढ़ा कि उन्होंने अपना घर बार सबकुछ छोड़ दिया और जूली के साथ अपना नया जीवन शुरू किया. जिसके बाद पूरे देश में मटुकनाथ लवगुरु के नाम से मशहूर हो गए. हालांकि जिस जूली के लिए उन्होंने अपना सबकुछ छोड़ दिया आज वहीँ जूली कहाँ है मटुकनाथ को पता नहीं. जूली पिछले 4 साल से उनके साथ नहीं है.पहली पत्नी आभा  चौधरी को तो वो पहले ही खो चुके हैं और अब जूली भी बुढापे में साथ देने के लिए मौजूद नहीं है. गौरतलब है कि आज मटुकनाथ बिल्कुल अकेले हो चुके हैं. आज वे रिटायर भी हो गए. लेकिन अब भी उनकी जवानी फूट रही है और चाल मस्तानी हो रही है.

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