झारखंड के गोड्डा जिले में इंसेफेलाइटिस का दस्तक, पांच मामले सामने आये

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सिटी पोस्ट लाइव,रांची : झारखंड के गोड्डा जिले में इंसेफेलाइटिस ने एक बार फिर से दस्तक दी है। इस साल भी इंसेफेलाइटिस के मरीजों की संख्या बढ़ती जा रही है। पिछले 4 दिन में इंसेफेलाइटिस के 5 नए मामले सामने आए हैं। जिले में लगातार बढ़ रहे इंसेफेलाइटिस प्रभावित बच्चों की संख्या से स्वास्थ्य विभाग सकते में है। जिले में पिछले चार दिनों में विभिन्न प्रखंडों से आए कई बच्चों में इंसेफेलाइटिस के लक्षण मिले हैं। इसमें से दो बच्चों को तो अस्पताल प्रबंधन ने हायर सेंटर रेफर कर दिया है।  आर्थिक रूप से कमजोर परिवार  के बच्चे सदर अस्पताल में ही इलाज करा रहे हैं। जिले के दो प्रखंड बोआरीजोर और सुन्दर पहाड़ी जंगलों से घिरा इलाका है। यहां मलेरिया और कालाजार जैसी बीमारी का प्रकोप आए दिन देखने को मिलता है। मगर इस बार जिन बच्चों को इंसेफेलाइटिस से प्रभावित पाया गया है वे गोड्डा और पथरगामा प्रखंड की ओर से आते हैं। सिविल सर्जन कार्यालय में भी इंसेफेलाइटिस के मरीज पाए जाने पर डॉक्टर भी सकते में हैं। डॉक्टरों का मानना है कि बच्चों में तेज बुखार का यह लक्षण इंसेफेलाइटिस के ही हैं, फिर भी ब्लड सैंपल रिम्स भेजा गया है ताकि पूरी तरह बीमारी की पुष्टी हो सके। इन्सेफेलाइटिस यह एक ऐसा दुलर्भ संक्रमण है जो लगभग दो लाख लोगों में से एक आदमी में पाया जाता है। इसे जापानी बुखार के नाम से भी जाना जाता है. जापानी बुखार एक घातक संक्रामक बीमारी है जो फ्लैविवाइरस (थ्संअपअपतने) के संक्रमण से होता है। सबसे पहले वर्ष 1871 में इस बीमारी का पता जापान में चला था इसलिए इसका नाम ’’जैपनीज इन्सेफ्लाइटिस’’ पड़ा। इस बीमारी का वाहक मच्छर होता है।एशिया महाद्वीप के कुल 14 देश इस बीमारी से प्रभावित हैं जिनमें चीन भी शामिल है।

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