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पाकुड़ जिले के एक हजार हेडमास्टरों की दूर्गा पूजा फीकी रही

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सिटी पोस्ट लाइव, पाकुड़ : झारखंड में पाकुड़ जिले के प्राथमिक व माध्यमिक विद्यालयों के तकरीबन एक हजार हेडमास्टरों की इस बार की दूर्गा पूजा फीकी रही। वजह स्कूली बच्चों का निर्धारित समय पर बैंक खाता न खुलवाया जाना है। ससमय बच्चों के बैंक खाते नहीं खुलने के चलते डीसी दिलीप कुमार झा ने संबंधित सभी विद्यालयों के हेडमास्टरों के वेतन व मानदेय भुगतान पर रोक लगा दी है। फलस्वरूप संबंधित सभी हेडमास्टरों के चेहरे पर मायूसी छाई हुई है। इन लोगों की इस बार की दुर्गा पूजा फीकी रही। कई लोग तो लंबी छुट्टी मिलने के बावजूद अपने गांव व घर को नहीं जा सके। झारखंड पारा शिक्षक संघ के जिला सचिव केताबुल शेख ने बताया कि जिले के 54 उत्क्रमित प्राथमिक विद्यालय के हेडमास्टरों का वेतन बच्चों का बैंक में खाता नहीं खुलवा पाने के चलते मानदेय भुगतान पर डीसी ने रोक लगा दी है। जबकि शिक्षकों द्वारा बैंकों को ससमय बच्चों से संबंधित सारे कागजात उपलब्ध करवाए जा चुके हैं। बैंकों की तकनीकी परेशानियों का ठीकरा हम शिक्षकों के माथे फोड़ दिया गया है। पारा शिक्षक संघ के जिला अध्यक्ष चित्तरंजन भंडारी ने जिला प्रशासन के इस कदम की तीखी आलोचना की है। उन्होंने इसे शिक्षक व उनके परिजनों के खिलाफ की गई दमनात्मक कार्रवाई करार दिया। वहीं, प्राथमिक शिक्षक संघ के जिला सचिव वीरेन्द्र सिंह ने डीसी की इस कार्रवाई को गलत बताया और कहा कि दुर्गा पूजा के मौके पर वेतन से वंचित शिक्षकों में काफी आक्रोश है। वे जिला प्रशासन के साथ ही शिक्षक संघ के पदाधिकारियों को भी कोस रहे हैं। कई शिक्षकों ने तो संघ के पदाधिकारियों पर जिला प्रशासन से मिले होने का भी आरोप लगाया है। उनका कहना है कि हमने 80 फीसदी से ज्यादा बच्चों का खाता खुलवा दिया है। जो बच गए हैं, उसके लिए शिक्षक नहीं बैंक जिम्मेदार है। उनकी तकनीकी परेशानियों का खामियाजा हम शिक्षकों को भुगतना पड़ रहा है।जिला शिक्षा अधीक्षक सुधांशु शेखर मेहता ने बताया कि निर्धारित समय पर बच्चों का बैंक खाता नहीं खुलने के चलते डीसी ने संबंधित सभी हेडमास्टरों के वेतन व मानदेय भुगतान पर रोक लगायी है। साथ ही यह भी बताया कि जिला प्रशासन ने बैंकों को शीघ्रातिशीघ्र बच्चों का खाता खोलने के लिए पत्र लिखा है।

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