पहाड़ी बालिका की मौत की न्यायिक जांच की मांग, लोगों ने रखा एक दिन का उपवास

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पहाड़ी बालिका की मौत की न्यायिक जांच की मांग, लोगों ने रखा एक दिन का उपवास

सिटी पोस्ट लाइव, रांची : मानव तस्करी की शिकार गोड्डा जिला की पहाड़ी बालिका की मौत की न्यायिक जाँच की मांग को लेकर मंगलवार को रांची के मोरहाबादी में गांधी प्रतिमा के समक्ष एक दिवसीय उपवास कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का आयोजन मौके पर झारखंड अगेंस्ट ह्यूमन ट्रैफिकिंग की संयोजक गीता स्वांसी ने कहा कि रिम्स में हुई रहस्मय मौत की न्यायिक जांच की जाये और इस ट्रेफिकिंग के लिए जिम्मेवारों को फांसी की सजा दी जाये। उन्होंने कहा कि दिल्ली मे मानव तस्करी की शिकार गोड्डा जिला की पहाडिया जनजाति की बच्ची की जनवरी 2018 में ट्रैफिकिंग के माध्यम से दिल्ली पहुंचाया गया और उसके साथ लगातार अमानवीय अत्याचार किया गया । जिसका परिणाम यह हुआ कि उसे अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा। यह दु:ख की बात है कि हमारे समाज में ही ऐसे लोग हैं जो इस तरह के नीच कामों लगे हुए है। बच्ची की हालत को देखते हुए उसे रिम्स में भर्ती कराया गया जहां उसकी स्थिति में लगातार सुधार हो रहा था, लेकिन रहस्यमय तरीके से तीन दिन पहले राँची स्थित रिम्स में मौत हो गयी है। उन्होंने कहा कि उस बालिका को दिल्ली से मानव तस्करो के हाथों से छुडाकर लाया गया था। बालिका के पास मानव तस्करों के गैंग के बारे में पूरी जानकारी थी, जिसके कारण बहुत सारे लोगों के लिए कानून का फंदा दिख रहा था। मगर बच्ची की अचानक रहस्यमय तरीके से मौत हो जाना आश्चर्य जनक है। मौके पर वक्ताओं ने कहा कि भले ही सरकार गरीब और आदिवासियों के हित की बात करती हो लेकिन हकीकत उसके उलट है। लगातार आदिवासी और गरीब बच्चियों को ट्रैफिकिंग के माध्यम से दिल्ली, मुंबई जैसे महानगरों में बेचा जा रहा है। जहां पर उनका शोषण किया जा रहा है। इसके लिए राज्य सरकार पूरी तरह से जिम्मेवार है। प्रदेश में लोगों को रोजगार की कमी है जिसके कारण हमारे राज्य के बच्च्चों को बाहर जाना पड़ता है। इस मामले की न्यायिक जांच कर सरकार इसमें शामिल लोगों को गिरफ्तार कर उनपर जल्द से जल्द कार्रवाई करें।

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