थाईलैंड के 25 बच्चे बने बौद्ध भिक्षु, अल्पकाल के लिए बौद्ध भिक्षु का जीवन गुजारेगें
सिटी पोस्ट लाइव : बिहार के बोध गया में शनिवार को अद्भुत नजारा था. भगवान् बुध के इस ज्ञान स्थली पर थाईलैंड से आये दो दर्जन से ज्यादा बच्चे लोगों के आकर्षण के केंद्र बने हुए हैं. ये बच्चे यहाँ घुमने फिरने नहीं आये हैं. उनका विशेष मकसद है यहाँ आने का .बिहार के गया जिले में पर थाईलैंड से आये दो दर्जन से ज्यादा बच्चे 25 बच्चों ने शनिवार को अल्पकाल के लिए बौद्ध भिक्षु बनने की दीक्षा ग्रहण किया.
महाबोधि मंदिर परिसर में आयोजित दीक्षा ग्रहण समारोह में बोधगया स्थित रॉयल थाई मॉनेस्ट्री के मुख्य भिक्षु सहित अन्य भिक्षुओं के द्वारा बच्चों को भिक्षु बनने की दीक्षा दी गई. उन्हें चीवर धारण कराया गया.चीवर धारण किये ये नन्हे बच्चे अद्भुत लग रहे थे. उन्हें देखने के लिए लोगों की भीड़ उमड़ पड़ी.नन्हे बच्चों के बौद्ध धर्म की दिख्सा लेने का ये नजारा बेहद अद्भुत था.उनके साथ आये उनके परिजनों का कहना था कि वगैर अध्यात्म के जीवन बेकार है.अध्यात्म जीवन जीने का सलीका सिखाता है.अनुकूल-विपरीत दोनों परिस्थितियों में सामान्य रहने की समझ पैदा करता है.
बौद्ध भिक्षु बनने की दीक्षा ग्रहण करने वाले ये थाईलैंड के नन्हे मासूम बच्चे जो पाप पुन्य के भाव से भी अनजान हैं, अल्पकाल के लिए बौद्ध भिक्षु की तरह जीवन गुजारेंगे.ये बच्चे अपने माता पिता से दूर रहकर बौद्ध मठों में रहकर पूजा व साधना करेंगे. बौद्ध मठों में साधना करने के बाद ये बच्चे निर्धारित समय अवधि के बाद सभी गृहस्थ जीवन में लौट जाएंगे.