गुजरात के बाद अब असम में बिहारियों पर ज़ुल्म, 300 परिवारों पर मंडरा रहा खतरा
सिटी पोस्ट लाइव : बिहार से बहार रहने वाले बिहारियों की मुश्किलें ख़त्म होने का नाम नहीं ले रही है. जहां गुजरात में बीते पांच से छ दिनों से स्थानीय लोग बिहारी मजदूरों को अपना निशाना बना रहे हैं, तो वहीँ अब असम में रहने वाले बिहारियों पर खतरा मंडरा रहा है. असम में NRC के मुद्दे को लेकर वहां काम कर रहे करीब 300 बिहारी परिवारों को खदेड़ दिया गया है. NRC मुद्दे को लेकर बिहारियों को असम में रहने से वंचित कर दिया गया है. जो अपने घर वापस नहीं लौटे, उनमें से तीन लोगों को गिरफ्तार कर लिया है.
असम में रहने वाले 74 हजार बिहार के मूलवासियों ने अपने जाति, जन्म, आधार, मतदाता सूची, मतदाता पहचान पत्र, शैक्षणिक योग्यता से जुड़े प्रमाण पत्र, भू-अभिलेख, ड्राइविंग लाइसेंस संबंधित प्रमाण पत्र असम सरकार के माध्यम से सत्यापित कराने हेतु बिहार सरकार को भेजा था ताकि वहां बन रही राष्ट्रीय नागरिक पंजी (नेशनल रजिस्टर ऑफ सीटीजन्स) में उनका नाम शामिल कराया जा सके. लेकिन अबतक बिहार से सत्यापित कर असम सरकार को नहीं भेजा गया है. ऐसी स्थिति में अब बिहारियों के लिए असम में रहना मुश्किल हो रहा है.
गौरतलब है कि वहां रहनेवाले हजारों बिहारियों ने अपने दस्तावेजों को सत्यापन के लिए बिहार सरकार के पास भेजा था. लेकिन समय से सत्यापन नहीं होने से उनकी परेशानी बढ़ गई है. हालांकि इस मामले में बिहार के उपमुख्यमंत्री सुशील मोदी ने जिलों के डीएम को इस पर कार्रवाई करने को कहा है.उपमुख्यमंत्री सुशील मोदी ने कहा कि असम में रहनेवाले 74 हजार बिहार के मूल वासियों ने अपने जाति, जन्म, आधार, मतदाता सूची, मतदाता पहचान पत्र, शैक्षणिक योग्यता से जुड़े प्रमाण पत्र, भू-अभिलेख, ड्राइविंग लाइसेंस संबंधित प्रमाण पत्र असम सरकार के माध्यम से सत्यापन के लिए बिहार सरकार को भेजा है.
सत्यापन हो जाने से वहां रहनेवाले बिहारियों को रहने में कोई दिक्कत नहीं होगी. सत्यापन हो जाने से असम में बन रही राष्ट्रीय नागरिक पंजी में उन लोगों का नाम शामिल हो जाएगा. लेकिन अबतक इस पर कोई कार्यवाही नहीं की गई है. जिसका नतीजा है कि असम में रहने वाले 300 बिहारी परिवारों को खदेड़ने का काम शुरू हो चूका है.
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