BMP के जवानों को बड़ी राहत, अब आरोपों की पुष्टि के बाद ही होगा उनका निलंबन
सिटी पोस्ट लाइव : बिहार पुलिस हो या बिहार सैन्य पुलिस .उसके सिपाहियों को हमेशा अपने साहबों के नाराज हो जाने और बात बात पर निलंबित कर दिए जाने का भय उन्हें हमेशा सताते रहता है. पब्लिक के बीच काम करना है तो छोटी छोटी भूल की संभावना हमेशा बनी रहती है. छोटी छोटी बातों को लेकर बड़े साहबों की नाराजगी की वजह से उन्हें निलंबन का सामना करना पड़ता है. जब बड़ा अधिकारी चाहे, उन्हें निलंबित कर देता है. कब कौन सिपाही और नीचे का अधिकारी निलंबित होगा, किसी को नहीं पता. बड़े साहब नाराज हुए तो निकल जाता है निलंबन का आदेश. लेकिन अब ऐसा नहीं होगा. बीएमपी के डीजीपी श्री गुप्तेश्वर पाण्डेय ने अब आदेश दे दिया है कि कोई भी बीएमपी का सिपाही या छोटा अधिकारी को बड़े अधिकारी उनके ऊपर लगे आरोपों की सत्यता की जांच के उन्हें निलंबित नहीं करेगें.
आये दिन छोटी छोटी बातों को लेकर बीएमपी के जवानों और कनीय अधिकारियों के सर पर निलंबन की तलवार हमेशा लटकती रहती है. लेकिन अब डीजीपी के इस नए आदेश के बाद बीएमपी के सिपाही और कनीय अधिकारी निलंबन के भय से मुक्त हो गए हैं. अब उन्हें निलंबित करने का वाजिब कारण उनके वरीय अधिकारियों को बताना पड़ेगा. उनके ऊपर लगे आरोपों की सत्यता की जांच के वगैर बड़े बाबू उन्हें निलंबित नहीं कर पायेगें. इस आदेश से बीएमपी के जवान और कनीय अधिकारी बहुत खुश हैं. उनका कहना है कि अब वो निश्चिन्त होकर अपनी ड्यूटी कर पायेगें.
बीएमपी के डीजीपी श्री गुप्तेश्वर पाण्डेय के आदेश के अनुसार पुलिसकर्मियों पर लगने वाले छोटे-छोटे आरोपों के बाद उन्हें निलंबन पर अब पाबंदी रहेगी. बिहार सैन्य पुलिस में अब आरोप की प्रकृति और गंभीरता के आकलन के बाद ही निलंबन या विभागीय कार्रवाई करने का निर्णय लिया जाएगा. बिहार सैन्य पुलिस महानिदेशक गुप्तेश्वर पाण्डेय ने बताया कि छोटे-छोटे आरोपों में अपने अधीनस्थ सिपाही एवं हवलदार कोटि के पुलिसकर्मियों को, उनके आरोप की प्रकृति एवं गंभीरता का आकलन किए बगैर निलंबन या विभागीय कार्यवाही प्रारंभ करने का निर्णय ले लिया जाता है. जिससे पुलिसकर्मियों के मनोबल में गिरावट और उनकी कार्यशैली कमजोर हो जाती है.
इसी को ध्यान में रखते हुए बिहार सैन्य पुलिस के डीजीपी ने सभी पदाधिकारियों को आदेश जारी कर कहा है कि निलंबन उसी अवस्था में होनी चाहिए, जब कोई कर्मी ऐसा कार्य करे जिसके लिए उन्हें कठोर सजा देने योग्य हो. छोटी-छोटी गलतियों के लिए निलंबन की कार्रवाई उचित नहीं है. इन छोटे-छोटे मामलों का निष्पादन शास्तिका कक्ष में किया जाना चाहिए. आदेश में पदाधिकारियों को आगे से इस बात का ध्यान रखने को कहा गया है. ताकि पुलिसकर्मियों के मनोबल में गिरावट ना आए.
गौरतलब है कि बिहार सैन्य पुलिस के जवान छोटे छोटे मामलों में अपने उच्च पदाधिकारियों द्वारा निलंबित कर दिए जाने से परेशान थे. छोटी छोटी बातों को लेकर उनके खिलाफ विभागीय कारवाई कर दी जाती थी. उनके खिलाफ विभागीय जांच बिठा दी जाती थी. जिससे न सिर्फ उन्हें मानसिक पीड़ा का सामना करना पड़ता था बल्कि जांच में देर होने से उन्हें आधी सैलरी में ही गुजारा करना पड़ता था.बीएमपी के जवान निलंबन की वजह से आर्थिक समस्याओं से जूझते रहते थे. लेकिन बिहार सैन्य पुलिस महानिदेशक गुप्तेश्वर पाण्डेय की पहल से अब उन्हें छोटे-छोटे आरोपों के लिए निलंबन का सामना नहीं करना पड़ेगा.