पेट्रोल और डीजल पर वैट घटाने में नीतीश सरकार ने सबको छोड़ दिया है पीछे
सिटी पोस्ट लाइव : बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने डीजल पेट्रोल का दाम कम करने में सबको पीछे छोड़ दिया है. उनकी सरकार ने पेट्रोल प्रति लीटर 2.52 रुपया और डीजल 2.55 रुपया प्रति लीटर और सस्ता करने का फैसला ले लिया है. केंद्र सरकार से मिली राहत को जोड़ दें तो प्रति लीटर पेट्रोल 5.02 रुपया और डीजल 5.05 रुपया सस्ता हो गया है.गौरतलब है कि झारखण्ड सरकार ने कल ही ढाई रुपये पेट्रोल डीजल का दाम घटा दिया था .बिहार सरकार द्वारा देर किये जाने को लेकर तेजस्वी यादव सवाल भी उठा रहे थे. लेकिन सरकार देर आई लेकिन सबसे दुरुस्त आई. यानी झारखण्ड से भी 5 पैसा ज्यादा वैट घटा दिया है.
बिहार सरकार की कर दरों में हुई कटौती का असर शुक्रवार आधी रात से लागू होगा. इससे पहले गुरुवार शाम केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली ने पेट्रोल और डीजल के बढ़ते दाम से आम जनता को निजात दिलाने के लिए एक्साइज ड्यूटी में 1.50 रुपया कटौती करने की घोषणा की थी. नए फॉर्मूले के मुताबिक ऑयल मार्केटिंग कंपनियां एक रुपया प्रति लीटर का बोझ वहन करेगी.
केंद्र सरकार के पेट्रोल और डीजल के दाम 2.50 रुपया प्रति लीटर घटाने के फैसले के एक दिन बाद शुक्रवार शाम बिहार सरकार ने भी मूल्य संवर्धित करों यानी वैट में कमी का एलान कर दिया. नीतीश कुमार सरकार के ताजा फैसले से पेट्रोल प्रति लीटर 2.52 रुपया और डीजल 2.55 रुपया प्रति लीटर और सस्ता हो गया है. अगर केंद्र सरकार से मिली राहत को जोड़ दें तो प्रति लीटर पेट्रोल 5.02 रुपया और डीजल 5.05 रुपया सस्ता हो गया है.
इससे पहले गुरुवार शाम केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली ने पेट्रोल और डीजल के बढ़ते दाम से आम जनता को निजात दिलाने के लिए एक्साइज ड्यूटी में 1.50 रुपया कटौती करने की घोषणा की थी. नए फॉर्मूले के मुताबिक ऑयल मार्केटिंग कंपनियां एक रुपया प्रति लीटर का बोझ वहन करेगी.इसके बाद जेटली ने सभी राज्य सरकारों से भी वैट में कमी करने का अनुरोध किया था ताकि जनता को और राहत दी जाए.
इसी के मद्देनजर नीतीश कुमार ने पेट्रोल पर वैट की दर 26 प्रतिशत से घटाकर 22 प्रतिशत और डीजल पर 19 प्रतिशत से घटाकर 15 प्रतिशत करने का एलान कर दिया. इससे पहले 12 राज्यों ने केंद्र की पहल के बाद वैट घटाने का एलान किया था. लेकिन बिहार में इसमें सबसे ज्यादा कटौती की गई है.इससे पहले जीएसटी से उम्मीद के मुताबिक टैक्स कलेक्शन नहीं होने के कारण वैट घटाने से होने वाले राजस्व नुकसान पर चर्चा की गई. हालांकि इसकी भरपाई कैसे होगी, इस बारे में कोई जानकारी नहीं दी गई है.