कुशवाहा समाज के लिए नीतीश कुमार ने कर दिया है बड़ा एलान
सिटी पोस्ट लाइव : बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को रालोसपा सुप्रीमो उपेन्द्र कुशवाहा ने आखिरकार जातीय राजनीति करने के लिए विवश कर दिया है. जातीय रैलियों से हमेशा दुरी बनाए रखने वाले नीतीश कुमार ने उपेन्द्र कुशवाहा की कुर्मी-कुशवाहा की वोट बैंक की राजनीति का जबाब देने के लिए पहलीबार अपने घर पर रविवार को तमाम कुशवाहा नेताओं के साथ बैठक की. रविवार को उनके सरकारी आवास पर पार्टी के 800 से ज्यादा कुशवाहा समाज के नेताओं और कार्यकर्ताओं का जुटान हुआ. लव-कुश (कुर्मी-कोईरी) वोट बैंक पर उपेंद्र कुशवाहा की सेंधमारी से परेशान नीतीश कुमार ने कुशवाहा समाज के लिए कई बड़े एलान किये .
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बैठक में नीतीश ने पारंपरिक तौर पर सब्जी उगाने वाले कुशवाहा समुदाय को अपने साथ जोड़े रखने के लिए कई बड़े एलान किये. उन्होंने अनुमंडल स्तर पर सब्जी मंडी खोले जाने का ऐलान किया. उन्होंने कहा कि सरकार हर अनुमंडल मुख्यालय में सब्जी मंडी खोलेगी और किसानों से सब्जियां खरीद कर उसकी मार्केटिंग करेगी. नीतीश कुमार ने कुशवाहा समुदाय को भरोसा दिलाया कि उन्हें पर्याप्त राजनीतिक प्रतिनिधित्व दिया जाएगा. बैठक में कुशवाहा राजनीतिक विकास मंच बनाने की भी घोषणा हुई.
जंदाहा के जेडीयू विधायक उमेश कुशवाहा ने बताया कि 17 नेताओं की एक टीम बनाई गई है. यह टीम हर लोकसभा क्षेत्र में जाकर नीतीश कुमार सरकार की उपलब्धियां बताएगी. उमेश कुशवाहा ने ही पार्टी आलाकमान के कहने पर आठ जुलाई को अपने घर पर कुशवाहा नेताओं के लिए भोज का आयोजन किया था. इसके जरिए उपेंद्र कुशवाहा के बारे में भी राय जानने की कोशिश हुई थी.इस भोज के बाद अगस्त में ही नीतीश कुमार के साथ बैठक निर्धारित थी लेकिन जब उन्हें पता चला कि अधिकतर कुशवाहा नेताओं ने उपेंद्र कुशवाहा के पक्ष में मत जाहिर किया है तो उन्होंने बैठक स्थगित कर दी.
लेकिन जब रविवार को बैठक हुई तो नीतीश कुमार ने कुशवाहा पर तंज कसते हुए कहा कि जिन नेताओं को उन्होंने उंगली पकड़ कर आगे बढ़ाया, वही आज बहुत कुछ बोलते रहते हैं. लेकिन उन्हें फर्क नहीं पड़ता क्योंकि कुशवाहा समाज का पूरा समर्थन उनको मिलता रहा है.नीतीश कुमार ने कहा कि उनकी सरकार न्याय के साथ विकास के सिद्धांत में भरोसा करती है.