अपराध नियंत्रण को CM ने दे दिया है नया फ़ॉर्मूला, कहा- थाने की पोस्टिंग में हो सोशल बैलेंस
सिटी पोस्ट लाइव : बिहार में अपराधी बेख़ौफ़ हैं. सरकार के अपराध नियंत्रण की हर कवायद से वो बेफिक्र हैं. मुख्यमंत्री और मुख्य सचिव के लगातार हाई लेवल की मीटिंग के वावजूद अपराध पर लगाम नहीं लग पा रहा है. बढ़ते अपराध को लेकर बिहार सरकार के मुख्यमंत्री से लेकर उप-मुख्यमंत्री अजीबो-गरीब बयान दे रहे हैं. उप-मुख्यमंत्री सुशिल कुमार मोदी अपराधियों से हाथ जोड़कर पितृपक्ष त्यौहार का हवाला देते हुए आग्रह किया कि 15 कम से कम आप शांत रहिये .बिहार को बदनाम मत करिए. दूसरी तरफ आज मुख्यमंत्री ने भी एक बड़ा बयान दे दिया है. नीतीश आज मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बढ़ते अपराध को नियंत्रित करने का एक नया फार्मूला दे दिया है. यह फार्मूला सोशल इंजीनियरिंग का है. उन्होंने कहा कि अब थानों में होनेवाले पुलिसकर्मियों की पोस्टिंग में सोशल बैलेंस होना चाहिए.मुख्यमंत्री ने कहा कि थाने के साथ अंचलाधिकारी-एसपी-डीएम की बैठक होनी चाहिए. लगातार समीक्षा होनी चाहिए.
मुख्यमंत्री ने कहा कि अपराध पहले से घटा है और भी घटेगा .लेकिन बीच बीच में कुछ ऐसी घटनाएं हो रही हैं जिसको लेकर चिंता हो रही है.लेकिन नीतीश कुमार के थाने में पोस्टिंग में सोशल बैलेंस का ध्यान रखे जाने का बयान दिए जाने को लेकर राजनीति तेज हो गई है.लोगों का कहना है कि जाति के आधार पर थाने में पुलिसवालों की पोस्टिंग का फार्मूला हास्यास्पद है.विपक्ष के नेता शिवानंद तिवारी ने कहा कि अब नीतीश कुमार ने थाने में पोस्टिंग में सोशल इंजिनियर का फार्मूला देकर ये साबित कर दिया है कि सरकार की प्राथमिकता कानून-व्यवस्था को बनाए रखना नहीं बल्कि किसी तरह से चुनाव जीतना है.शिवानन्द तिवारी ने कहा कि यह अनोखी घटना है जिसमे किसी राज्य का उप-मुख्यमंत्री हाथ जोड़कर अपराधियों से प्रार्थना कर रहा है.
विपक्ष के निशाने पर तो सरकार है ही साथ ही बीजेपी के नेता भी सरकार के इस बयान की निंदा करने लगे हैं.बीजेपी नेता गोपाल नारायण ने कहा कि सरकार हाथ जोड़कर अपराधियों से आग्रह करे कि अपराध मत कीजिये ,शर्मनाक है.उन्होंने कहा कि अपराधियों को चुनौती देने की बजाय सरकार का उनके सामने हाथ जोड़ना शमर्नाक है. मामले को तूल पकड़ते देख सुशील मोदी ने अब चुप्पी साध ली है. मीडिया के लोगों के सवालों से वो बचते नजर आ रहे हैं.