20-20 सीट के फ़ॉर्मूला पर बोले कुशवाहा-मैं क्रिकेट नहीं गिल्ली डंडा का हूँ खिलाड़ी
बढ़ते अपराध से बेहद नरः है उपेंद्र कुशवाहा,कहा- हे भगवान, ये क्या हो रहा है बिहार में ?
20-20 सीट के फ़ॉर्मूला पर बोले कुशवाहा-मैं क्रिकेट नहीं गिल्ली डंडा का हूँ खिलाड़ी
सिटी पोस्ट लाइव : केंद्रीय मंत्री और रालोसपा प्रमुख उपेंद्र कुशवाहा ने एकबार फिर से नीतीश सरकार पर निशाना साधा है. उन्होंने राज्य में कानून की बिगड़ रही व्यवस्था को लेकर एक बार फिर से सरकार पर निशाना साधा है. सोमवार को कुशवाहा ने मुजफ्फरपुर में हुए पूर्व मेयर समीर कुमार हत्याकांड पर कहा कि बिहार में कानून व्यवस्था खराब है. उन्होंने कहा कि ‘हे भगवान ये क्या हो रहा बिहार में, इससे ज्यादा मैं कुछ भी नहीं कह सकता.
गौरतलब है कि इसके पहले भी कुशवाहा नीतीश सरकार पर निशाना साध चुके हैं. वैशाली में अपनी पार्टी के कार्यकर्त्ता मनीष सहनी की हत्या के बाद कानून-व्यवस्था को लेकर नीतीश कुमार पर सीधा हमला बोल दिया था. वो नीतीश कुमार को मुख्यमंत्री की दौड़ से बाहर हो जाने की नसीहत भी दे चुके हैं. मंगलवार से अपनी पार्टी की पैगाम-ए-खीर कार्यक्रम के बारे में कुशवाहा ने कहा कि एकसाथ दलित हों या पंडित सभी बैठेंगे. हम कहीं से दूध और कहीं से चीनी लाएंगे. मुसलमान भाई के घर से दस्तरखान आएगा. पार्टी के हल्ला बोल, दरवाजा खोल कार्यक्रम के बारे में बताते हुए कुशवाहा ने कहा कि ये कार्यक्रम आगे भी चलेगा. मुजफ्फरपुर में 20 अक्टूबर, गया में 3 नवंबर को जबकि मुंगेर में 24 नवम्बर और पूर्णिया में 25 नवम्बर को ये कार्यक्रम होगा.
सीट शेयरिंग के सवाल पर उपेंद्र कुशवाहा ने कहा कि अभी इस मुद्दे पर सिर्फ और सिर्फ कयास ही लगाये जा रहे हैं. उपेंद्र कुशवाहा ने 20-20 फार्मूला को रिजेक्ट करते हुए कहा कि वो क्रिकेट नहीं खेलते इसलिए उन्हें 20-20 के फ़ॉर्मूला के बारे में कोई जानकारी नहीं है. उन्होंने कहा कि उन्होंने सिर्फ गिल्ली डंडा ही खेला है. अमित शाह से मुलाक़ात के सवाल को टालते हुए कुशवाहा ने कहा कि जनता से मुलाकात हो रही है. न्यायपालिका के सवाल पर कुशवाहा ने कहा कि गरीब लोगों के लिए महत्त्वपूर्ण दरवाजा आज भी बंद है. जबकि पैसेवाले लोगों के लिये दरवाजे खुले हैं. हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट के दरवाजे पूरे तौर पर बंद हैं और SC-ST लोगों का वहां पहुंचना नामुमकिन है.कुशवाहा ने कहा कि गरीब लोगों के पास कितना भी टैलेंट रहे वो कोर्ट में कभी नहीं पहुंच सकते.
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