जमीन विवाद में हुई तबरेज की हत्या, डॉ. रमेशचंद्रा को अगवा कर हिला दी थी लालू सरकार

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जमीन विवाद में हुई तबरेज की हत्या, डॉ. रमेशचंद्रा को अगवा कर हिला दी थी लालू सरकार

सिटी पोस्ट लाइव : राजधानी के कोतवाली थाना के ठीक पीछे दिन—दहाड़े हुई शूटआउट की घटना में मारे गए मोहम्मद शहाबुद्दीन के शूटर तबरेज की कुंडली पटना पुलिस खंगालने में जुटी है. घटन्ना के कुछ घंटे बाद ही पुलिस ने ये खुलासा तो कर ही दिया था कि शूट आउट में मारा गया सख्श मो. तबरेज आलम उर्फ तब्बू है. इस तब्बू के खिलाफ बिहार से लेकर झारखंड और वेस्ट बंगाल में हत्या, अपहरण, रंगदारी मांगने से लेकर  बैंक डकैती जैसे कई अपराधिक वारदातों को अंजाम देने के मामले दर्ज हैं. अब पटना पुलिस ने हत्या की वजह को भी ढूंढ निकला है.

शूटआउट की वारदात के बाद घटनास्थल पर पहुंचे पटना के एसएसपी मनु महाराज ने सबसे पहले तबरेज की उस गाडी को ख्नागाला शुरू किया जिसमे वह नमाज पढने आया था. एसएसपी ने सफारी गाड़ी के अंदर से कई ऐसे दस्तावेज वरामद किये जिससे उसकी पहचान तो हुई ही साथ ही उसकी हत्या की वजह का भी खुलासा हो गया.पटना पुलिस की शुरूआती जांच में जो बात सामने आई है, उसके अनुसार फुलवारी शरीफ के नौसा की जमीन को लेकर तबरेज का किसी के साथ विवाद चल रहा था. इसी जमीन के चक्कर में उसकी हत्या हुई है.पुलिस ने जब तबरेज की पत्नी शमा परवीन से पूछताछ किया तो पता चला कि तीन दिन पहले उसके पति को जान से मारने की धमकी दी गई थी. दरअसल, फुलवारी शरीफ के नौसा में एक ही जमीन के प्लॉट पर मो. तबरेज के अलावा डब्लू मुखिया, फारूख आजम, रूमी मल्लिक और अंजार खान के गुट ने अपना दावा ठोक रखा था.

डब्लू मुखिया, फारूख आजम, रूमी मल्लिक और अंजार खान ये चारों इस विवादित जमीन पर अपार्टमेंट बनवा रहे थे. जिस पर मो. तबरेज ने कड़ी आपत्ति जताई थी. चल रहे अपार्टमेंट बनाने के काम को तीन दिन पहले मो. तबरेज ने रूकवा दिया था. शमा परवीन का कहना है कि इन्हीं चारों ने मिलकर उसे पति की हत्या की है. वाइफ के बयान पर कोतवाली थाना में इन्हीं चारों के खिलाफ नामजद एफआईआर दर्ज कर लिया गया है.

मुहर्रम के मौके पर पटना पुलिस की कड़ी चौकसी को अपराधियों ने चैलेंज करते हुए हत्या के इस वारदात को अंजाम दिए जाने की सीसीटीवी तस्वीर भी पुलिस के हाथ लग गई है. सीसीटीवी फूटेज के अनुसार जिस तरीके से इस वारदात को अंजाम दिया गया है, उससे ये पता चलता है कि अपराधी काफी देर से तबरेज के गतिविधियों पर कड़ी नजर रखे हुए थे. लगातार रेकी कर रहे थे. रेकी के बाद ही प्लान बनाकर कोतवाली थाना के पीछे की जगह को अपराधियों ने चुना. वारदात स्थल के ठीक सामने इंडेन गैस एजेंसी है. लेकिन एजेंसी के बाहर कोई सीसीटीवी कैमरा नहीं लगा है. पुलिस टीम ने जांच करते हुए जब इलाके को खंगालना शुरू किया तो अदिति कम्यूनिटी हॉल के सामने किसी ने सीसीटीवी कैमरा लगा रखा था. उसी में वारदात को अंजाम देने के बाद बाइक से जाते हुए अपराधियों की तस्वीर कैद हो गई है. दो अपराधी एक बाइक पर थे. बाइक ड्राइव कर रहे अपराधी ने व्हाइट कलर को हेलमेट पहन रखा था. उसने हेलमेट के अंदर अपने फेश को मास्क से कवर कर रखा था. जबकि पीछे बैठे दूसरे अपराधी ने सिर पर टोपी पहन रखी थी. साथ ही उसने भी अपने फेश को मास्क से कवर कर रखा था. पीछे बैठे अपराधी ने ही रिवॉल्वर निकालकर 4 गोली मारी है. फिलहाल पटना पुलिस की टीम लगातार कई जगहों पर छापेमारी कर रही है.

मो. तबरेज उर्फ तब्बू मूल रूप से जहानाबाद का रहने वाला है. अपने आका मो. शाहबुद्दीन पर कानूनी शिकंजा कसने के बाद उसने अपना लाईन बदल दिया था . वह अपनी पहचान बदलकर पटना के फ्रेजर रोड स्थित ग्रांड चंद्रा अपार्टमेंट में रह रहा था. इसने खुद का आल इंडिया आतंकवाद विरोधी मुस्लिम मोर्चा भी बना रखा था. जिसमें ये बिहार स्टेट का कोऑर्डिनेटर था.

मो. तबरेज अपराधिक रिकॉर्ड बहुत ही भयानक है. साल 2001 में इसने पटना के  डॉक्टर रमेश चंद्र को अगवा कर सरकार को हिला दिया था. साल 2001 में ही इसने धनबाद के निरसा में विधायक की गोली मारकर हत्या की थी. इसके बाद साल 2003 में इसने अश्वनी गुप्ता को किडनैप किया था. पटना सिटी के मनोज कमलिया हत्याकांड में भी मो. तबरेज का नाम सामने आया था. वेस्ट बंगाल में ये एक बड़ी बैंक डकैती की वारदात को भी अंजाम दे चुका था. जहानाबाद में इसने विक्की ज्वेलर्स के मालिक के घर पर ही जबरन कब्जा कर लिया था.  जहानाबाद में इसने जायका रेस्टोरेंट के मालिक से 2 करोड़ रुपए की रंगदारी मांगी थी. जिसका ऑडियो भी काफी वायरल हुआ था. धनबाद के जिस वासेपुर के उपर गैंग्स ऑफ़ बासेपुर फिल्म बन चुकी है, उस वासेपुर से भी मो. तबरेज का गहरा नाता रहा है.

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