राजनीतिक दलों के बाद अब पब्लिक को गलिया रहे हैं पप्पू यादव, किसके साथ लड़ेगें चुनाव?
सिटी पोस्ट लाइव : जाप के राष्ट्रिय संरक्षक सांसद पप्पू यादव हमेशा अपने विवादित बयानों को लेकर चर्चा में बने रहते हैं. शायद ही कोई पार्टी और नेता हो जो उनके निशाने पर नहीं आया हो. सारे बाबाओं- नेताओं को भ्रष्ट, कुकर्मी और चोर कहनेवाले पप्पू यादव ने अब अपनी भड़ास जनता पर ही निकाल दी है. पब्लिक की समस्याओं को लेकर हमेशा सड़क पर नजर आनेवाले पप्पू यादव यादव ने अब गिरते राजनीति के स्तर के लिए सीधे पब्लिक को दोषी ठहरा दिया है.उन्होंने कहा कि राजनीति के गिरते स्तर के लिए सबसे ज्यादा दोषी पब्लिक है. उन्होंने सवाल किया- ये सी राजनीति हो रही है. कोई खीर, खिचड़ी पका रहा है तो कोई पुलाव और तरकारी बना रहा है.फुफंदर वाला चावल और फटे हुए दूध से खीर बनती है. बिना हल्दी और नमक की खिचड़ी बनती है. पब्लिक को भी इसी तरह की बातों में मजा आता है. ये पब्लिक सबसे बड़ा दोषी है. ये पब्लिक से बड़ा कुकर्मी और कोई नहीं है. चोर है, पैसा लेता है…दुनिया का सब धंधा करती है ये पब्लिक.
पप्पू यादव के इस बयान को लेकर राजनीतिक बवाल मच गया है. लेकिन किसकी मजाल जो खुलकर पप्पू यादव के खिलाफ बयान दे दे. सभी दबी जुबान से ही निंदा कर रहे हैं. वैसे पप्पू यादव द्वारा विवादित बयान पहलीबार नहीं दिया गया है. पप्पू यादव ने हाल ही में मुजफ्फरपुर के एसपी के बारे में कह दिया था कि यह एसएसपी रात में पत्रकारों को लव लैटर लिखती है. इस बयान को लेकर बहुत हंगामा हुआ था. एसएसपी मुजफ्फरपुर हरप्रीत कौर ने प्रेस कांफ्रेंस कर पप्पू यादव पर पलटवार किया था. उन्होंने कहा था कि महिलाओं की सुरक्षा को लेकर पदयात्रा करनेवाला सांसद एक महिला अधिकारी के बारे में ऐसा अशोभनीय बयान कैसे दे सकता है? उससे पहले भी पप्पू यादव एक सामाजिक महिला कार्यकर्त्ता उर्मिला के ऊपर सेक्स रैकेट चलाने का आरोप लगा चुके हैं.
दरअसल, पप्पू यादव चुनाव में किसके साथ तालमेल करेगें, यह किसी की समझ में नहीं आ रहा.पप्पू यादव की नजर में सभी नेता भ्रष्ट और चोर हैं.वो आरजेडी सुप्रीमो लालू यादव के बेटों के खिलाफ हमेशा मोर्चा खोले रहते हैं. बीजेपी की सरकार के खिलाफ बोलते रहते हैं. उसके खिलाफ विपक्ष के भारत बंद में भी शामिल होते हैं. और नीतीश कुमार भी हमेशा उनके निशाने पर रहते हैं. जाहिर है बीजेपी के साथ नीतीश कुमार उनकी पार्टी का कभी तालमेल नहीं होने देगें और लालू यादव उन्हें कांग्रेस के साथ जाने नहीं देगें. फिर क्या पप्पू यादव अकेले चुनाव मैदान में उतरेगें. यह यक्ष प्रश्न बना हुआ है , जिसका जबाब सिर्फ पप्पू यादव ही दे सकते हैं .