PSU कंपनियों के कानून में संशोधन, टॉप स्टाफ को अब मिलेगा मनमाफिक वेतन
सिटी पोस्ट लाइव : अब पब्लिक सेक्टर की कंपनियों के मैनेजमेंट लेवल के अधिकारियों को मनमाफिक वेतन दिए जाने का रास्ता साफ़ हो गया है. इसके लिए अब सरकार से किसी तरह ईजाजत लेने की जरुरत नहीं है. कंपनी एक्ट में बदलाव कर इससे संबंधित एक नोटिफिकेशन भी जारी की गई है. कॉरपोरेट मंत्रालय द्वारा जारी किया गया नोटिफिकेशन इसी सप्ताह बुधवार से प्रभावी हो गई है. अब से सार्वजानिक क्षेत्र की कंपनियां प्राइवेट सेक्टर की तरह ही अपने शीर्ष कर्मचारियों को मनमाफिक सैलरी दे सकेगी.
मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि अब कंपनियां कम से कम 75 फीसद वोटिंग अधिकार रखने वाले शेयरधारकों से इजाजत लेकर अपने प्रबंधन स्तर के कर्मचारियों को एक निश्चित सीमा से ज्यादा वेतन दे सकेंगी. मौजूदा कंपनी कानून के तहत सार्वजनिक कंपनियां अपने सभी गैर-कार्यकारी निदेशकों को शुद्ध लाभ का एक फीसद से ज्यादा वेतन नहीं दे सकती थीं. हालांकि कुछ मामलों में यह सीमा विशेष शर्तों के साथ तीन फीसद तक रखी गई थी.
सार्वजनिक कंपनियां अपने पूर्णकालिक निदेशकों और प्रबंध निदेशकों को शुद्ध लाभ का 10 फीसद से ज्यादा वेतन नहीं दे सकती थीं. बदले गए मानकों के बारे में कॉरपोरेट मामलों के सचिव इंजेती श्रीनिवास ने कहा कि प्रबंधकों के वेतन के बारे में कंपनियों के शेयरधारक उचित और व्यवहार्य निर्णय लेने को स्वतंत्र हैं. भारत में कंपनियों का नियंत्रण भारतीय कंपनी अधिनियम से होता है.