City Post Live
NEWS 24x7

पितृपक्ष मेले की तैयारियों का जायजा लेने बोधगया पहुंचे मुख्यमंत्री

-sponsored-

-sponsored-

- Sponsored -

पितृपक्ष मेले की तैयारियों का जायजा लेने बोधगया पहुंचे मुख्यमंत्री

सिटी पोस्ट लाइव : पितृपक्ष मेला की तैयारियों का जायजा लेने के लिए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार शुक्रवार को गया पहुंचे हुए हैं. उन्होंने विष्णुपद मंदिर का दर्शन किया. मंदिर के गर्भगृह में पूजा अर्चना की और पितृपक्ष मेला की तैयारियों का जायजा लिया. सीएम ने फल्गु नदी तट पर स्थित देवघाट और सूर्यकुंड का भी निरीक्षण किया. श्रद्धालु इन्हीं घाटों पर पिंडदान करते हैं. कृषि मंत्री प्रेम कुमार के साथ कई अधिकारी भी मौजूद रहे. सीएम नीतीश कुमार ने विश्व प्रसिद्ध पितृपक्ष मेला की तैयारियों की विस्तार से समीक्षा की.उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिया कि लोगों को कोई परेशानी नहीं होनी चाहिए.

नीतीश कुमार ने यहां प्रमंडलीय आयुक्त कार्यालय परिसर में बने अमर शहीद जगदेव प्रसाद की मूर्ति का अनावरण भी किया. दिग्घी तालाब के प्रांगण में बने पूर्व केंद्रीय मंत्री स्वर्गीय उपेंद्र नाथ वर्मा की प्रतिमा का भी अनावरण किया. सीएम ने समाहरणालय के सभागार में पितृपक्ष मेला को लेकर अब तक की गई प्रशासनिक तैयारियों की समीक्षा की. इस बैठक में मगध प्रमंडल और गया जिले के तमाम वरीय अधिकारी भी मौजूद थे.

अधिकारियों ने अब तक की तैयारियों की जानकारी मुख्यमंत्री को दी. नीतीश कुमार के आगमन को लेकर व्यापक तैयारी की गई थी. सुरक्षा के कड़े प्रबंध किए गए थे, शहर के प्रमुख चौक-चौराहों पर पुलिस बल की तैनाती की गई थी.गौरतलब है कि पूर्वजों की आत्मा की शांति और मुक्ति के लिए एक पखवारे तक चलने वाला पितृपक्ष में श्राद्ध करने की परंपरा काफी पुरानी है. वैसे तो पिंडदान और तर्पण के लिए देश में कई स्थल हैं, लेकिन उसमें सर्वश्रेष्ठ बिहार के गया को माना गया है. पितृपक्ष प्रारंभ होने के साथ ही गयाजी के फल्गु नदी के तट सहित विभिन्न वेदियों पर हजारों श्रद्धालु पिंडदान व तर्पण कर रहे हैं और अपने पूर्वजों की आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना कर रहे हैं.

गया को विष्णु का नगर माना गया है. यह मोक्ष की भूमि कहलाती है. विष्णु पुराण और वायु पुराण में भी इसकी चर्चा की गई है. विष्णु पुराण के मुताबिक गया में पिंडदान करने से पूर्वजों को मोक्ष मिल जाता है और स्वर्गवास करते हैं. माना जाता है कि स्वयं विष्णु यहां पितृ देवता के रूप में मौजूद हैं, इसलिए इसे ‘पितृ तीर्थ’ भी कहा जाता है.

-sponsored-

- Sponsored -

Subscribe to our newsletter
Sign up here to get the latest news, updates and special offers delivered directly to your inbox.
You can unsubscribe at any time

- Sponsored -

Comments are closed.