ये आईएएस जब बाईक पर निकला तो गीली हो गईं बाबूओं की पतलूनें
सिटी पोस्ट लाइव : क्या बिहार सरकार ने अपने आइएएस अधिकारियों को पैदल कर दिया है. अब उन्हें कार की जगह बाईक दे दिया गया है. क्या सरकार नौकरशाहों के खर्चे में कटौती करने की योजना बना रही है. जहानाबाद के लोगों के जेहन ऐसे ढेर सारे सवाल उठ रहे थे जब बिहार सरकार के सबसे चर्चित आइएएस अधिकारी प्रत्यय अमृत मोटरसाइकिल से छपरा पहुँच गए . प्रत्यय अमृत अभी बिहार में बिजली कंपनी के प्रमुख हैं.उन्होंने प्रभार लेने के बाद से बिहार में बिजली व्यवस्था की कायापलट कर दी है. हर गांव तक बिजली पहुंचाने के कठिन काम को भी उन्होंने अपने लिए एक आसान टास्क साबित कर दिया है. इतना काबिल अधिकारी जब अचानक साइकिल पर शहर में वो भी राजधानी से दूर किसी छोटे शहर में मोटरसाइकिल पर घूमता नजर आये तो लोगों की उत्सुकता स्वाभाविक है. शुक्रवार को प्रत्यय छपरा जिले में मोटरसाइकिल पर घूमते नजर आये.
दरअसल, प्रत्यय अमृत को लगातार बिजली मीटर रीडिंग को लेकर लगातार शिकायतें मिल रही थीं. फिर क्या था वो हकीकत जानने मोटरसाइकिल पर सवार होकर निकल पड़े.मोटरसाइकिल पर आम आदमी बनकर बिजली और मीटर रीडिंग के बारे में ग्राउंड जीरो रिपोर्ट लेकर चले आये और बिजली विभाग के अधिकारियों को इसकी भनक भी नहीं लगी.
प्रत्यय अमृत सबसे पहले दिघवारा के हेवाड़ा गांव के नोनिया टोली में पहुंचे थे. किसी ने भी नहीं पहचाना. जिसने थोडा बुत पहचाना वो भी बाईक पर देखकर कन्फ्यूज हो गया, कोई हमशक्ल होगा. नोनिया टोली पहुंचकर वे किसी के घर के आगे सीढ़ी पर ही बैठ गए. लोगों से पूछा – बिजली आती है. कितने घंटे आती है. सब कुछ नोट करते चले जा रहे थे. अब मीटर रीडिंग और बिजली बिल की गड़बडि़यों के बारे में जानने लगे. बहुत कुछ लोगों ने सुनाया.
ग्राउंड रिपोर्ट लेने के बाद प्रत्यय अमृत अपने फॉर्म में आ गए. संबंधित अधिकारियों को वहीँ बुलाया और जमकर क्लास ले ली. मानपुर गए तो यहां भी लोगों ने मीटिर की खराबी और गलत रीडि़ग की शिकायत की. अब प्रत्यय अमृत खुद मीटर रीडर बन गए. मीटिर की रीडिंग को चेक किया और सब कुछ अपनी डायरी में नोट कर लिया.
दिघवारा सर्किल ऑफिस के इंस्पेक्शन के बाद शीतलपुर पॉवर ग्रिड के निर्माण का जायजा लेने पहुंचे. निर्माण कार्य की गति से असंतुष्ट दिखे. लगे हाथ वहां मौजूद अधिकारियों को जमकर फटकार लगाईं और चेता दिया न गड़बड़ी मंजूर है और ना ही लेट लतीफी. लेकिन अब पटना में सभी अधिकारियों के हाथ पाँव अभी से फुल रहे हैं कि साहब सोमवार को जब दफ्तर आयेगें- क्या क्या सवाल पूछेगें? किसका क्लास लगागें और किसबी चाबी टाईट करेगें.