सिटी पोस्ट लाइव : झारखण्ड के पाकुड़ के तत्कालीन एसपी अमरजीत बलिहार समेत 6 पुलिसकर्मियों की हत्या के मामले में दुमका कोर्ट ने गुरुवार को फैसला सुना दिया. इस मामले में कोर्ट ने दो आरोपियों को दोषी ठहराया, जबकि साक्ष्य के अभाव में पांच को बरी कर दिया. कोर्ट ने सुखलाल मुर्मू उर्फ प्रवीर और सनातन वास्ती उर्फ ताला को दोषी करार दिया.
चतुर्थ जिला एवं सत्र न्यायाधीश तौफीकुल हसन की कोर्ट ने 32 गवाहों के बयान के आधार पर यह फैसला सुनाया. गवाही की प्रक्रिया पूरी होने के बाद बचाव पक्ष के अधिवक्ता ने अपनी दलील पेश की. जिसके बाद अभियोजन की ओर बहस पूरी होने के बाद कोर्ट ने दो आरोपियों को दोषी करार दिया.
घटना 2 जुलाई 2013 का है. तब के पाकुड़ एसपी अमरजीत बलिहार डीआईजी प्रिया दुबे की मीटिंग में शामिल होने दुमका पहुंचे थे. मीटिंग के बाद वे दुमका से पाकुड़ लौट रहे थे. इसी क्रम में दुमका-पाकुड़ मुख्य मार्ग पर काठीकुंड के आमतल्ला गांव के समीप घात लगाए नक्सलियों ने उनकी गाड़ी पर गोलियों की बौछार कर दी थी. इस हमले में एसपी बलिहार समेत चार जवान मौके पर ही शहीद हो गए थे, जबकि एक जवान की मौत अस्पताल ले जाने के क्रम में हुई थी.
गौरतलब है कि 2 जुलाई 2013 को दुमका से पाकुड़ लौटने के दौरान काठीकुण्ड के आमतल्ला के पास पाकुड़ के तत्कालीन एसपी अमरजीत बलिहार के काफिले पर नक्सलियों ने एके 47, इंसास राइफल और एसएलआर से गोलीबारी की थी. इस हमले में एसपी के अलावा 5 पुलिसकर्मियों की मौत हो गई थी. इस मामले में सुखलाल मुर्मू उर्फ प्रवीर समेत चार नक्सलियों को नामजद अभियुक्त बनाया गया था. सात अभियुक्तों के खिलाफ वर्षों ट्रायल चला लेकिन सबूत के अभाव में पांच नक्सली बरी हो गए.
प्रवीर दा, वकील हेम्ब्रम, मानवेल मुर्मू, मानवेल मुर्मू-2, सतन बेसरा, सनातन बास्की के खिलाफ आईपीसी की धारा 147, 148, 149, 326, 307, 379, 302, 427, 27 शस्त्र अधिनियम एवं 17 सीएलए के तहत काठीकुंड थाने में मामला दर्ज किया गया था. प्रवीर दा मसलिया में हुए कुटला मियां हत्याकांड में 9 अगस्त 2016 से आजीवन कारावास की सजा काट रहा है.