सिटी पोस्ट लाइव : असम में बन रही नेशनल रजिस्टर ऑफ सिटीजन्स को लेकर वहां रह रहे बिहारियों का मामला अब बिहार पहुँच चूका है. वहां रहनेवाले हजारों बिहारियों ने अपने दस्तावेजों को सत्यापन के लिए बिहार सरकार के पास भेजा है. समय से सत्यापन नहीं होने से उनकी परेशानी बढ़ गई है. आज बिहार के उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने जिलों के डीएम को इस पर कार्रवाई करने को कहा है.उपमुख्यमंत्री सुशील मोदी ने कहा कि असम में रहनेवाले 73 हजार बिहार के मूल वासियों ने अपने जाति, जन्म, आधार, मतदाता सूची, मतदाता पहचान पत्र, शैक्षणिक योग्यता से जुड़े प्रमाण पत्र, भू-अभिलेख, ड्राइविंग लाइसेंस संबंधित प्रमाण पत्र असम सरकार के माध्यम से सत्यापन के लिए बिहार सरकार को भेजा है. सत्यापन हो जाने से वहां रहनेवाले बिहारियों को रहने में कोई दिक्कत नहीं होगी. सत्यापन हो जाने से असम में बन रही राष्ट्रीय नागरिक पंजी में उन लोगों का नाम शामिल हो जाएगा.
उन्होंने कहा कि इस संबंध में सभी जिलों के डीएम को निर्देश दिया गया है कि वे जल्दी से जल्दी अभियान चला कर दस्तावेजों को सत्यापित कराएं, ताकि किसी बिहारी को असम में कोई प्रॉब्लम नहीं हो. उन्होंने कहा कि सरकार इस पर लगातार अपनी नजर बनाए हुए है.उन्होंने कहा कि अब तक 52 हजार 110 दस्तावेज संबंधित जिलों, विभाग/बोर्ड/निगम को भेजा गया है. अब तक 5418 दस्तावेज सत्यापन के बाद प्राप्त हो चुके हैं. इनमें 3264 दस्तावेज असम भेजे जा चुके हैं. सर्वाधिक दस्तावेज सारण (8716), मुजफ्फरपुर (8022), सीवान (3874), वैशाली (3936), पूर्वी चंपारण (2951), गोपालगंज (2215), दरभंगा(1763) हैं. सर्वाधिक सत्यापित दस्तावेज 4218 बिहार विद्यालय परीक्ष समिति से मिले हैं.
सुशिल मोदी ने कहा कि असम में 1951 के बाद पहली बार नागरिक पंजी का निर्माण असम समझौते के तहत सर्वोच्च न्यायालय की देख-रेख में चल रहा है. इसमें असम में रहने वाले भारतीय नागरिकों को सूचीबद्ध किया जा रहा है. जिनका नाम पंजी में शामिल नहीं है, उन्हें विदेशी नागरिक माना जाएगा. इसी को लेकर वहां रहनेवाले बिहारी अपने दस्तावेजों को सत्यापन के लिए यहां भेज रहे हैं.सरकार इस सत्यापन के काम को लेकर बेहद गंभीर है.
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