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क्यों नहीं थम रहा पटना आसरा गृह में संवासिनों के मरने का सिलसिला

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सिटी पोस्ट लाइव : बिहार की राजधानी पटना के राजीवनगर स्थित आसरा गृह  की दो संवासिनों की मौत के बाद आसरा गृह की संचालिका मनीषा दयाल को तो जेल भेंज दिया गया लेकिन अब तीसरी संवासिन की मौत के बाद जिला प्रशासन खुद कटघरे में खड़ा हो गया है. गौरतलब है कि अभी तक दो संवासिनों की मौत की गुत्थी सुलझी भी नहीं है इस बीच  शुक्रवार को एक और युवती की मौत हो गई है. युवती को गुरुवार को पीएमसीएच में इलाज के लिए भर्ती कराया था. शुक्रवार शाम को उसकी मौत हो गई. एक और युवती की मौत से इस आसरा होम में कुल युवतियों की मौत की संख्या तीन हो गई है.

सूत्रों के अनुसार 27 साल की युवती को सांस लेने में तकलीफ हो रही थी और वो कुपोषण की भी शिकार बताई जा रही है. इस आसरा गृह की 9 अगस्त से अब तक 13 लड़कियां पीएमसीएच में भर्ती हो चुकी है और ये सभी कुपोषण की शिकार हैं. इससे पहले गुरुवार देर रात राजीवनगर स्थित इस आसार गृह से दो युवती पुलिसिया पहरे के बीच संदिग्ध परिस्थिति में लापता हो गई थी. आसरा गृह प्रबंधन पर उस वक्त सवाल उठने लगे, जब इसका पता चलने के तीन घंटे के बाद पुलिस को सूचना दी गई.

दोनों युवतियों के लापता होने की खबर आसरा गृह प्रबंधन को गुरुवार सुबह नौ बजे ही मिल गई थी लेकिन वहां के अफसरों ने दोपहर 12 बजे इसकी खबर राजीवनगर थाने को दी. वहीं पीएमसीएच में कंट्रोल रूम की इंचार्ज डॉ. लिला सिंह ने बताया कि कल रात 9 बजे पीएमसीएच में भर्ती हुई थी. उसको काफी कमजोरी थी. डॉक्टरों ने उसकी जांच करके उसका पूरा इलाज किया. उसका इलाज चल रहा था लेकिन शुक्रवार को उसकी हालत बिगड़ने लगी और शाम 6 बजे उसकी मौत हो गई.

गौरतलब है कि दो संवासिनों की मौत के बाद से यह आसरा गृह सुर्खियों में है. मनीषा दयाल को जेल भेंज देने के बाद अब यह आसरा गृह प्रशासन को सौंपा गया था. जिला प्रशासन द्वारा यहां की व्यवस्था में सुधार लाने के बड़े बड़े दावे किये जा रहे थे. लेकिन फिर भी एक संवासिन की मौत हो गई. अब मनीषा दयाल जिला प्रशासन और पुलिस से सवाल पूछ रही है, इस मौत के लिए कौन जिम्मेवार है और उसे कबतक जेल भेंज जा रहा है.

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