देश में नोट्बंदी जैसे हालात ,पैसे के इंतज़ार में बैंक के बाहर महिला ने तोड़ दिया दम.
सिटीपोस्टलाईव : रूपौली के मैनी संथाल टोले की रहने वाली नूरजहां खातून पिछले चार दिनों से बैंक से पैसे निकालने के लिए चक्कर कट रही थी.पैसा नहीं मिला और गुरुवार को बैंक के बाहर ऑटो में अपनी बारी का इंतजार करते हुए उसने दम तोड़ दिया. नूरजहां के परिजनों के अनुसार वह पिछले कुछ दिनों से बीमार थी और चार दिनों से सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया,रूपौली के चक्कर लगा रही थी, लेकिन बैंक में पैसा नहीं होने की बात कहकर उसे लगातार लौटा दिया जाता था. गुरुवार सुबह उसके परिजनों ने उसे 10:30 बजे ऑटो से बैंक लाया. नूरजहां के बेटे लाल मोहम्मद ने ईलाज के लिए जरुरी 17,000 रुपए देने का आग्रह बैंक से किया, लेकिन कैशियर कृष्ण मुरारी सिन्हा ने राशि की कमी बताते हुए 5000 रुपए से ज्यादा देने से इनकार कर दिया.पैसे नहीं होने के कारण ईलाज नहीं हो पाया और बैंक के बाहर ही महिला ने दम तोड़ दिया.
सिटीपोस्ट संवाददाता अशोक सिंह ने जब सहायक शाखा प्रबंधक सुधांशु शेखर से पूछताछ की तो जबाब मिला कि नए वित्तीय वर्ष की शुरुआत से ही नोटों की आपूर्ति कम हो रही है.किसी तरह से स्थानीय खाताधारकों की जमा राशि से ही लेन-देन का कम चलाया जा रहा है.मृतक के परिजनों को 5000 रुपये दिया जा रहा था लेकिन इतना कम पैसा लेने से उसने इंकार कर दिया.